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- संपादकीय: जम्मू-कश्मीर...
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 व 35-ए की समाप्ति और राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर सबकी नजर केंद्र सरकार के अगले बड़े कदम पर टिकी थी। ऐसे में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के मसले पर गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक एक बड़ी पहल है। यह बैठक इस केंद्र शासित क्षेत्र की सांविधानिक स्थिति तय करने और वहां पूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया बहाल करने के लिहाज से काफी अहमियत रखती है। जब अनुच्छेद 370 हटा, तब काफी आशंकाएं जताई गई थीं कि आतंकी बडे़ पैमाने पर उत्पात मचाएंगे और पाकिस्तान इस मसले पर भारत के खिलाफ नए सिरे से देशों की गोलबंदी की कोशिश करेगा, लेकिन भारत सरकार की दूरदर्शी कूटनीति की बदौलत न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि उसके सदाबहार मित्र चीन को भी एक से अधिक बार संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी। जहां तक, आतंकी वारदात का सवाल है, तो वे भले ही पूरी तरह बंद न हो सकी हों, लेकिन सुरक्षा बलों की सख्ती और चौकसी ने दहशतगर्दों को किसी बड़ी घटना को अंजाम नहीं देने दिया।