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- टीकाकरण से जुड़ी है...
हमारे माननीय बहुत खुश हैं कि देश के नागरिक कोरोना रोधी टीके की 100 करोड़ से ज्यादा डोज़ पार कर रहे हैं। भारत में टीकाकरण अभियान शुरू होने के सिर्फ नौ महीने के अंदर ही इस उपलब्धि को हासिल कर लिया गया। 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और भारत के लोगों को कोविड-19 से संवेदनशील आबादी की रक्षा करने और टीकों के समतामूलक वितरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के लिए बधाई दी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार देश में टीकाकरण के पात्र वयस्कों में से करीब 75 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि करीब 31 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में टीकाकरण मुहिम शुरू होने के 85 दिन बाद तक 10 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी थीं। इसके 45 और दिन बाद भारत ने 20 करोड़ का आंकड़ा छुआ और उसके 29 दिन बाद यह संख्या 30 करोड़ पहुंच गई। देश को 30 करोड़ से 40 करोड़ तक पहुंचने में 24 दिन लगे और इसके 20 और दिन बाद छह अगस्त को देश में टीकों की दी गई खुराकों की संख्या बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई। इसके बाद उसे 100 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 76 दिन लगे। टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए। देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ। अब 100 करोड़ डोज़ दी जा चुकी हैं, लेकिन इसको लेकर कई तरह की भ्रांतियां लोगों में फैली या फिर कम ज्ञान के चलते फैलाई गई। सबसे पहले यह कि वैक्सीन लेने से आप नपुंसक हो जाएंगे। फिर कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण हो रहे हैं।