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- यूक्रेन संकट से बढ़ी...

जहां अभी भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले दो वर्षों की कोविड-19 से निर्मित आर्थिक चुनौतियों से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई है, वहीं अब रूस और यूक्रेन संकट ने नई आर्थिक चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। हाल ही में 25 फरवरी को वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा भू-राजनीतिक संकट से भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव दिखेगा, क्योंकि भारत शुद्घ कच्चा तेल आयातक है और भारत अपनी जरूरत का कोई 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश मंत्रालय और पुणे इंटरनेशनल सेंटर की तरफ से आयोजित एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में कहा कि भारत के विकास के समक्ष दुनिया में उत्पन्न हो रही नई चुनौतियों से बाधाएं खड़ी होने वाली हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की आर्थिक शाखा की नई रिपोर्ट के अनुसार रूस-यूक्रेन के मौजूदा संघर्ष की पृष्ठभूमि में तेल के बढ़ते दाम, जो पिछले एक महीने में 21 प्रतिशत से अधिक बढ़े हैं, अब वे 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं जो कि वर्ष 2014 के स्तर पर हैं। ऐसे में तेल के मोर्चे पर भारी व्यय तय है। यद्यपि सरकार ने नवंबर 2021 से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को अपरिवर्तित रखा है। लेकिन वैश्विक रूप से बढ़ रही कच्चे तेल की कीमतों के कारण पेट्रोल और डीजल कीमतों में 10 प्रतिशत से भी अधिक की तेजी और एलपीजी कीमतों में बड़ी वृद्घि से नहीं बचा जा सकता है। निःसंदेह रूस और यूक्रेन में छिड़े युद्ध का असर देश के शेयर बाजार, उद्योग-कारोबार पर दिखाई देने लगा है। शेयर बाजार में गिरावट आई है। रुपया भी गिरावट का शिकार हुआ है क्योंकि कई प्रमुख वैश्विक मुद्राओं की तुलना में डॉलर मजबूत हुआ है। लगभग सभी उद्योगों में कच्चे माल की कीमतें बढ़ने लगी हैं। तेल कीमतों से वाहनों की परिचालन लागत बढ़ गई है। जिंस कीमतों में तेजी आई है। यूरिया और फॉस्फेट महंगे हुए हैं। खाद्य तेल की कीमतों पर बड़ा असर हुआ है। देश में तिलहन उत्पादन नाकाफी रहने से भारत को खाद्य तेल की कुल मांग का 60 प्रतिशत हिस्सा बाहर से आयात करना पड़ता है। निश्चित रूप से रूस और यूक्रेन संकट के मद्देनजर भारत के लिए यह सबक उभरकर दिखाई दे रहा है कि चीन और पाकिस्तान से हमेशा मिल रही रक्षा चुनौतियों के बीच भारत के लिए मजबूत नेतृत्व और मजबूत आर्थिक देश के रूप में अपनी पहचान बनाना जरूरी है
