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- पाबंदियों में ढील
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते लगी पाबंदियों में ढील का जहां स्वागत होना चाहिए, वहीं लोगों को बचाव के प्रति किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की गुरुवार को हुई बैठक में पाबंदियों में बहुत राहत दी गई है। सबसे बड़ा फैसला यह है कि सप्ताहांत में लगने वाले कफ्र्यू को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। बाजारों को ऑड-ईवन के आधार पर खोलने की शर्त को भी अब खत्म कर दिया गया है। रात्रिकालीन कफ्र्यू जारी रहेगा, लेकिन 50 प्रतिशत क्षमता के साथ रेस्तरां, बार और सिनेमा हॉल में कारोबार को मंजूरी जरूरी है। सरकारी कार्यालयों को भी आधी क्षमता के साथ खोलने को मंजूरी मिल गई है, तो जाहिर है, निजी के साथ-साथ सरकारी कामकाज में भी तेजी लौटेगी और बेरोजगारी को बढ़ने से रोका जा सकेगा। वास्तव में, दिल्ली एक ऐसा शहर है, जहां लाखों लोग बाहर से रोजगार-धंधे के लिए आते हैं। असंगठित क्षेत्र भी बहुत विशाल है, लॉकडाउन जैसी स्थिति बनने पर हताशा का आलम लौट सकता है। अत: ज्यादा समय न गंवाते हुए दिल्ली सरकार ने जारी पाबंदियों में ढील देने का सही फैसला किया है। शादियों की वापसी होनी है, जिनमें 20 के बजाय अब 200 लोग शामिल हो सकेंगे।
हिन्दुस्तान