सम्पादकीय

आपदा काल में पुलिस ने अपने कार्यों से लोगों के मन में विश्वास की नींव डाली

Gulabi
5 Jun 2021 5:38 AM GMT
आपदा काल में पुलिस ने अपने कार्यों से लोगों के मन में विश्वास की नींव डाली
x
पिछले सालभर से अधिक समय से लगभग पूरे देश में कोरोना संक्रमण जनित आपदा के कारण अधिकांश लोगों की दिनचर्या में

विश्व विजय राय। पिछले सालभर से अधिक समय से लगभग पूरे देश में कोरोना संक्रमण जनित आपदा के कारण अधिकांश लोगों की दिनचर्या में व्यापक बदलाव आया है। बाहर घूमने-फिरने की प्रक्रिया लगभग ठप है। जहां तक संभव हो रहा है, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा घर से ही काम की छूट दी गई है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच एक बार फिर अधिकांश लोग अपने अपने घरों में रह रहे हैं। लेकिन देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो वास्तव में कोरोना योद्धा कहलाने योग्य है और जो लाकडाउन के दौर में भी अधिकांश समय सड़कों पर ही रहा। निश्चित रूप से हम पुलिस प्रशासन की ही बात कर रहे हैं जिसने कोरोना प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सडकों पर मोर्चा संभाल रखा है।

ऐसे में इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिये हमने अनेक ऐसे वीडियो भी देखे हैं जिनमें कई बार आम जनता भी पुलिस को बुरा-भला कहते नजर आए। दरअसल पुलिस द्वारा मास्क लगाने और शारीरिक दूरी कायम रखने के कोविड प्रोटोकाल के लिए रोकने-टोकने पर कई लोग पुलिस की एक नकारात्मक छवि को गढ़ने का प्रयास करते रहे हैं। जबकि यह वास्तविकता है कि कोरोना की वीभत्स आपदा के दौरान देश में लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टरों और पुलिसर्किमयों ने सराहनीय कार्य किया है। हालांकि आम जन मानस की मानसिकता में अब धीरे धीरे बदलाव आ रहे है। विगत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन योद्धाओं के कार्यों की सराहना की थी और इनके सम्मान में देशवासियों से अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने की बात कही थी। वास्तव में इस महामारी के दौर में देश के इन कोरोना योद्धाओं ने अतुलनीय कार्य किया है और अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ा है। इस वैश्विक महामारी के दौर में जहां वर्तमान में भारत सर्वाधिक प्रभावित देश बन चुका है, वहीं इसके साथ देश में एक डर का माहौल भी बना हुआ है। ऐसे में इसके खिलाफ जारी जंग के बीच उन पहलुओं को देखना रोचक होगा जिसकी बदौलत हम इस जंग को जीत सकते हैं या उसकी उम्मीद करते हैं।
कोरोना माहामारी से जारी जंग में सबसे महत्वपूर्ण है कानून व्यवस्था और उससे उपजे संबंधित मुद्दों को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन की भूमिका। यह उल्लेखनीय है कि देश में किसी भी सामूहिक चिंता या तनाव को कानून व्यवस्था के अनुपालन के समानांतर दुरुस्त किया जा सकता है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की बढ़ती सकारात्मक भूमिका ने देश को संकट से निकालने की दिशा में अपना अहम योगदान दिया है। देश में अब तक जागरूकता के अभाव में पुलिस प्रशासन की नकारात्मक छवि गढ़ी गई थी। यह सच है कि किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन की पहचान कठिन समय में होती है और पुलिस प्रशासन के मामले में भी ऐसा ही हुआ। पुलिस प्रशासन की यह सकारात्मक छवि केवल आज के समय ही देखने को नहीं मिली है, बल्कि विगत कई वर्षों में विभिन्न आपदाओं, घटनाओं के दौरान भी सामने आई है। इस बार इनकी सकारात्मक छवि न केवल कोरोना योद्धा के रूप में सामने आई है, बल्कि कानून व्यवस्था के अनुपालन से लेकर पीड़ित लोगों की मदद और सामान्य सामाजिक, मानवीय जिम्मेदारियों के निर्वहन के रूप में भी देखने को मिली है।
देश के विभिन्न भागों में अपनी जान की परवाह किए बगैर आज पुलिसकर्मी लोगों की मदद कर रहे हैं, संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता फैला रहे हैं और कानून व्यवस्था का अनुपालन भी सुनिश्चित कर रहे हैं। संक्रमण के भयावह जोखिम के बीच काम कर रहे पुलिसर्किमयों को सामान्य पेशेवर जीवन में कई तरह की समस्याएं भी आ रही हैं। हमारे समाज के बीच के ही कुछ लोग अपनी कुंठा निकालने के लिए भी पुलिसर्किमयों के साथ उलझ जाते हैं। लिहाजा समाज में व्याप्त मानसिकता को बदलने की जरूरत है। इसके साथ ही, उन सभी समस्याओं के समाधान की भी जरूरत है जिसके कारण पुलिसर्किमयों को बेहद सीमित संसाधनों तथा कष्टप्रद स्थितियों में काम करना पड़ता है। कोरोना के आरंभिक चरण से लेकर अब तक हजारों पुलिसकर्मी और उनके निकट संबंधी संक्रमित भी हुए, किंतु उनका जज्बा और कर्तव्य के प्रति समर्पण कम नहीं हुआ
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के पहले प्रसार काल के दौरान अगस्त 2020 तक करीब 77 हजार पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए थे और करीब 400 पुलिसर्किमयों ने इस वजह से अपनी जान गंवाई। हालांकि कोरोना के टीकाकरण के बाद से संक्रमण की संख्या में कमी आई है और पुलिसर्किमयों के मृत्यु दर में भी कमी आई है। किंतु इसके बाद भी जिस प्रकार पूरे देश में ये पुलिसकर्मी अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं वह निश्चित रूप से सराहनीय है। इन निष्ठावान पुलिसर्किमयों के प्रति हमारी, समाज की और सरकार की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। साथ ही, राज्य सरकारों को भी चाहिए कि पुलिस प्रशासन के आधुनिकीकरण के प्रति गंभीरता से काम करें। उनके पेशेवर जीवन को सुगम, सक्षम और सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की आर्पूित सुनिश्चित करें
सहायक प्राध्यापक (पुलिस प्रशासन) राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गुजरात


Next Story