सम्पादकीय

दुबई एक्सपो 2021: भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए उत्साहवर्धक, लेकिन क्यों?

Rani Sahu
16 Nov 2021 8:20 AM GMT
दुबई एक्सपो 2021: भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के लिए उत्साहवर्धक, लेकिन क्यों?
x
महामारी के मद्देनज़र फ़ार्नबरो, ले बॉर्गेट और सिंगापुर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के टलने के बाद

बिक्रम वोहरा महामारी के मद्देनज़र फ़ार्नबरो, ले बॉर्गेट और सिंगापुर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों के टलने के बाद, दुबई ने महामारी से तबाह हुए एविएशन इंडस्ट्री के लिए आशा की एक किरण के रूप में अपने दरवाजे खोले. पिछले 20 वर्षों में इन जगहों पर आयोजित होने वाले एयर शो से जुड़ी खबरों का संपादन करने के बाद कार्निवल जैसी साइट पर ऊंचे मनोबल वाले परिचित चेहरों के साथ और नए चेहरों को देखना मन में आशा और भरोसे का संचार कर गया.

एयरबस ने भविष्यवाणी की थी कि विमानन उद्योग को अगले 20 वर्षों में लगभग 39,000 विमानों और 559,000 नए पायलटों की आवश्यकता होगी. कंपनी का मानना है कि अधिकतर विमान सिंगल आइल बोइंग 737 या एयरबस 320 फैमिली के होंगे, जबकि उसी दरम्यान करीब 3900 से अधिक वाइडबॉडी विमानों की मांग होगी. ओपनिंग की सुबह कोविड के नियमों का पालन करते हुए करीब 1200 से अधिक एग्जिबीटर्स और 20 से अधिक नेशनल पैवेलियन ने पावर प्लांट टेक्नोलोजी, आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस और एवियोनिक्स में अपने सामान सामने रखे. इनमें से 371 एग्जिबीटर नए हैं जबकि इजरायल पहली बार इस प्रदर्शनी में भाग ले रहा है.
85,000 विज़िटर्स के आने की उम्मीद
दुबई एक्सपो में सिर्फ 5 दिनों में कम से कम 85,000 विज़िटर्स के आने की उम्मीद है. हालांकि खास सौदों की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन 18 नवंबर तक भविष्य के सौदों का आकलन किया जा सकेगा. एयरशो में अंगोला के बेस्टफ्लाई के लिए ATR72 टर्बोप्रॉप का प्री-ओपनिंग लीज को पहले सौदे के रूप में देखा जा रहा है. हर एयरशो की सफलता के पीछे तीन या चार मुख्य बातें होती हैं. इस लिहाज से बोइंग 777X की मार्केटिंग सबसे उन्नत और फ्यूअल एफिशिएंट डबल इंजन वाले विकल्प के तौर पर की जा रही है. ड्रीमलाइनर के लिए यह निश्चित तौर पर एक बेहतरीन और दिलचस्प विकल्प है. बोइंग और एयरबस हमेशा से एक-दूसरे की आलोचना करने के लिए जाने जाते हैं, जिसकी उम्मीद इस बार भी की जा रही है. एविएशन इंडस्ट्री को कवर करने वाली मीडिया के लिए यह मसालेदार है, जो इस तरह की ख़बरों से काफी उत्तेजित हो जाता है.
दो बड़े प्लेयर्स के बीच होड़
अब फिर से एविएशन इंडस्ट्री के दो बड़े प्लेयर्स की बात करते हैं. एयर शो के पहले दिन ये दोनों शांत और भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी व्यस्त रहे, लेकिन एयरबस अपने A330neo और pax A350 के सौदों के लिए पुरजोर कोशिश करेगा. भारत निश्चित रूप से इन दोनों विकल्पों के लिए एक हाई प्रोफाइल ग्राहक है. एयर इंडिया का नया अवतार और आकासा जैसी नई एयरलाइनों की एंट्री और जेट के संभलने से नए तरह की परिस्थितियां पैदा हुई हैं. दुनियाभर में हुए 34 विमान दुर्घटनाओं ने एविएशन इंडस्ट्री की चिंता बढ़ा दी है. इन सब के बीच भारत की स्थिति टॉप ब्रैकेट मार्केट के रूप में बरकरार है. आप किसके बारे में जानना चाहेंगे? निश्चित तौर पर एयरबस के A220 से लेकर A320 विमानों के बारे में. लेकिन भारत की नज़र में केवल सिंगल आइल जेट्स नहीं है. देश में एयरपोर्ट नेटवर्क के विस्तार और विमानन क्षेत्र के लिए '100 दिन की योजना' लागू होने के बाद केशोद (गुजरात), देवगढ़ (झारखंड), गोंदिया (महाराष्ट्र), सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र), और कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में हवाई अड्डे बनने वाले हैं. ऐसे में कुछ प्लेयर्स एविएशन इंडस्ट्री वापसी कर सकते हैं और कुछ की नज़रें इस पर टिकी होंगी. आप इन मार्गों पर ट्रिपल 777 या A340 नहीं उड़ा सकते. यही बात 320 और 737 के अलावा एविएशन मार्केट में उपलब्ध आरामदायक सिंगल आइल वाले 130 से 170 सीटर प्लेन के लिए लागू होती है. लेकिन बॉम्बार्डियर की डैश 8-क्यू सीरीज़ और CRJ से लेकर एम्ब्रेयर-145 और ATR 42/72 जैसे कई विकल्प भारत के लिए खुले हैं. ऐसे में भारत अपने फायदे को देखते हुए कुछ बहुत ही स्मार्ट बेड़े का चयन कर सकता है.
भारत के लिए रूस से सौदा फायदे का होगा
आम धारणा के विपरीत आधुनिक टर्बो-प्रोप 120 मिनट से अधिक की उड़ान के प्रति घंटे केवल पांच मिनट ही धीमा है. सामरिक नजरिए से देखें तो रूस इस शो में आकर्षण का केंद्र है और जबकि मिग और सुखोई ने हमेशा अपने शानदार युद्धाभ्यास (एस-30 कोबरा डांस को याद रखें) से अचंभित किया है. इस बार हमें सुखोई के पांचवीं जेनेरेशन के चेकमेट सिंगल सीटर स्टील्थ फाइटर की पहली झलक मिली. अगर रूसी हार्डवेयर में हुए सौदों के इतिहास पर नज़र डालें और मिग्स के घटते बेड़े के साथ पुराने पड़ते मिराज पर विचार करें तो भारत के लिए रूस से सौदा फायदे का होगा. यह इस्तेमाल किए गए मिराज खरीदने से बेहतर होगा. दुबई का माहौल बहुत सकारात्मक है. नागरिक और सैन्य विमान, पावर प्लांट, एवियोनिक्स और उससे जुड़े साजो-सामान के निर्माता अपने-अपने प्रोडक्ट्स की खूबियों को हाईलाइट किया है और पिछले चौबीस महीनों में इस इंडस्ट्री में हुए सुधारों को रेखांकित किया है.
एक और अहम बात इस शो में दिखाई पड़ी, वो है फिक्स्ड रोटर मल्टी-टास्किंग फ्लीट को खास महत्व देना. इसमें लॉन्गबो अपाचे जैसे गनशिप शामिल हैं. रूसी रोटर फ्लीट विज़िटर्स का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने सबसे अच्छे हेलिकॉप्टरों में से 6 को प्रदर्शित करेगा. इसके साथ KA52 और एमआई28एनई अटैक हेलीकॉप्टर भी निश्चित रूप से खरीददारों को लुभाएगा. यह फिर से भारत के लिए एक अच्छा विकल्प है. अब इंतज़ार है, सेल्स की शुरुआत का जिससे यहां का माहौल और भी उत्साहवर्धक हो जाएगा.
Next Story