- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- परीक्षा में ड्रेस का...
x
सामाजिक मूल्यों के लिहाज से हमारा समाज इस समय प्रतिगामी दौर में है।
परीक्षा हाल में तैनात निरीक्षक ने कहा कि यह ड्रेस यानी शार्ट्स पहन कर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निरीक्षक का कहना था कि उसे पतलून पहननी होगी। उसके बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। उस छात्रा का सीधा सवाल है कि क्या शॉर्ट्स पहनना कोई अपराध है?
सामाजिक मूल्यों के लिहाज से हमारा समाज इस समय प्रतिगामी दौर में है। इसलिए अब वैसी खबरें चौकाती नहीं, जैसा कुछ साल पहले होता था। तब के माहौल में निजी स्वतंत्रता और सामाजिक कुंठाओं से निजात पाने का आदर्श हमारी सोच को प्रेरित और संचालित करता था। लेकिन फिलहाल वो आदर्श कहीं पराजित हो गए लगते हैँ। इसीलिए ये खबर राष्ट्रीय मीडिया में चर्चित नहीं हुई कि असम में शार्ट्स पहन कर परीक्षा देने पहुंची एक छात्रा उस ड्रेस में परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। छात्रा का दावा है कि एडमिट कार्ड में कोई ड्रेस कोड नहीं लिखा था और उसने कुछ दिन पहले यही कपड़े पहन कर एक और परीक्षा दी थी। बहुत तर्क वितर्क के बाद छात्रा को आखिरकार परदे से पांव ढकने की शर्त पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। जिस कॉलेज में परीक्षा आयोजित की गई थी उसके प्रबंधन का कहना है कि परीक्षा के दौरान पहनावे में न्यूनतम शिष्टाचार बनाए रखना जरूरी है।
इस मामले ने ड्रेस कोड पर नई बहस छेड़ दी है। भारत में लड़कियों के पहनावे को लेकर अक्सर विवाद उठता रहता है। लेकिन अब राजनीतिक माहौल न सिर्फ ड्रेस बल्कि तमाम तरह के कोड लागू करने के पक्ष में है। अभी लंबा वक्त नहीं गुजरा, जब उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत महिलाओं की फटी जीन्स पर टिप्पणी की थी। पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर टीशर्ट, जींस और स्लिपर पहनने पर रोक लगा दी थी। महिला कर्मचारियों से साड़ी, सलवार कुर्ता पैंट तथा जरूरत पड़ने पर दुपट्टा पहनने को कहा गया था। असम में जिस छात्रा पर ड्रेस कोड लागू किया गया, वह ऊपरी असम में विश्वनाथ चारियाली की रहने वाली है।
वह असम कृषि विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा के लिए अपने पिता के साथ घर से करीब 70 किमी दूर तेजपुर में गिरिजानंद चौधरी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में बने परीक्षा केंद्र पहुंची थी। गेट पर सुरक्षा कर्मियों ने उससे कुछ नहीं कहा। लेकिन परीक्षा हाल में तैनात निरीक्षक ने कहा कि यह ड्रेस यानी शार्ट्स पहन कर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निरीक्षक का कहना था कि उसे पतलून पहननी होगी। उसके बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। उस छात्रा का सीधा सवाल है कि क्या शॉर्ट्स पहनना कोई अपराध है?
नया इंडिया
Next Story