सम्पादकीय

हलके में ना लें

Gulabi
12 Dec 2020 12:31 PM GMT
हलके में ना लें
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कोरोना महामारी से परेशान देश में एक इलाके में सीमित किसी एक नई बीमारी पर ज्यादा ध्यान देने की फुरसत शायद नहीं है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी से परेशान देश में एक इलाके में सीमित किसी एक नई बीमारी पर ज्यादा ध्यान देने की फुरसत शायद नहीं है। वरना, आंध्र प्रदेश के एलुरु इलाके में फैली रहस्यमयी बीमारी को कम चिंताजनक नहीं है। इसके मरीजों के खून के सैंपलों की जांच ने रहस्य और बढ़ा दिया है। जांच के दौरान खीन में सीसा और निकल जैसे धातु मिले। तो क्या ये बीमारी प्रदूषण का परिणाम है? राज्य सरकार ने अभी ऐसी किसी संभावना के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं कहा है। लेकिन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यालय ने आधिकारिक बयान में यह जरूर कहा है कि दिल्ली स्थित एम्स की प्राथमिक जांच में मरीजों के खून के सैम्पलों में सीसा और निकल मिले। बताया गया है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी और दूसरे संस्थान में जांच अभी भी चल रही है। इस बीमारी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या लगभग 600 हो गई। हालांकि इनमें से ज्यादातर को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है, लेकिन अभी भी कई लोग भर्ती हैं।


मरीजों में 12 साल से कम उम्र के 45 बच्चे भी हैं। इन सभी लोगों को दौरे पड़े, उल्टियां आईं और फिर वो बेहोश हो गए थे। अधिकारियों का कहना है कि दौरे पड़ना और बेहोश होना सभी मरीजों में सिर्फ एक बार देखा गया। परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति में ये लक्षण दिखे, जिसका मतलब है कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे तक नहीं फैलती है। एक व्यक्ति की इस रहस्यमयी बीमारी से मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। बीमारी की तफ्तीश में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन भी शामिल हो गया है। पानी के साथ-साथ दूध और चावल के सैंपलों की जांच भी की जा रही है। अधिकारी एलुरु में विशेष सफाई अभियान भी शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। कुछ जानकार कीटनाशकों से पानी के प्रदूषण की भी संभावना व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। कोविड-19 संक्रमण के मामलों में आंध्र प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से है। लेकिन इस बीमारी के लक्षण कोविड के लक्षणों जैसे नहीं हैं। इस बीमारी के सभी पीड़ितों का कोविड टेस्ट हो चुका है और किसी को भी संक्रमित नहीं पाया गया है। तो कुल मिलाकर रहस्य कायम है। कोविड की शुरुआत भी चीन में छोटे स्तर पर हुई थी। ऐसा नहीं लगता कि वैसी घटना दोहराई जाएगी। फिर पूरी सावधानी की जरूरत है।


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