सम्पादकीय

नदियों की साफ-सफाई पर सियासत न हो

Gulabi
16 Nov 2021 6:00 AM GMT
नदियों की साफ-सफाई पर सियासत न हो
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नदियों की साफ-सफाई

दिल्ली में यमुना में जहरीला झाग तैरता नजर आने के बाद इसकी उचित और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए कि आखिर नदी में ऐसा झाग आने के क्या कारण हैं, लेकिन अफसोस तो यह है कि इस दूषित पानी की इतनी बड़ी समस्या पर भी ओच्छी राजनीति शुरू हो गई। नदियों की साफ-सफाई पर होने वाली ओच्छी राजनीति के कारण ही आज नदियों के देश भारत में नदियां गंदी हो रही हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि नदियां हमारे देश की नाडि़यों की तरह हैं। यदि हम उन्हें गंदा करना जारी रखेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब हमारी नदियां जहरीली हो जाएंगी। अगर ऐसा हुआ तो हमारी सभ्यता नष्ट हो जाएगी। जिन नदियों को हम माता समझते हैं, नदियों का प्रदूषण हमारे लिए किसी श्राप से कम नहीं हो सकता। हमें यह समझना है कि हमारा अस्तित्व नदियों की वजह से ही है।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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