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निजी क्षेत्र के बैंक हों या सहकारी क्षेत्र के बैंक हों, उन पर कितना भरोसा किया जा सकता है
निजी क्षेत्र के बैंक हों या सहकारी क्षेत्र के बैंक हों, उन पर कितना भरोसा किया जा सकता है, यह कहना मुश्किल होता है। पिछले सालों के दौरान भी कुछ तथाकथित बैकों पर आरबीआई का प्रतिबंध लगा था और हाल में भी आरबीआई द्वारा 4 सहकारी बैकों के लेन-देन पर कुछ प्रतिबंध लगाने की खबर है। देश में फाइनेंस कंपनियों का चलन भी कम होने का नाम नही ले रहा है जो लोगों को ज्यादा ब्याज देने का लालच देकर जमाराशियां प्राप्त करते हैं और एक दिन ऐसा भी आता है कि वे अपना कारोबार समेट कर जमाकर्ताओं को ठेंगा दिखा सकते हैं। सरकारी क्षेत्र के बैकों का सामाजिक दायित्व होता है और भरोसा भी किया जा सकता है। लोगों को फाइनेंस कंपनियों से दूरी बना कर रखने में ही समझदारी होगी ताकि लालच में फंस कर हमें अपनी गाढ़ी कमाई के धन से हाथ धोने की नौबत न आए।
सोर्स- divyahimachal
-रूप सिंह नेगी, सोलन
Rani Sahu
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