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- मंकीपॉक्स से ना
नवभारत टाइम्स: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्लूएचओ) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमर्जेंसी घोषित कर दिया है। 'पब्लिक हेल्थ इमर्जेंसी ऑफ इंटरनैशनल कंसर्न' को डब्लूएचओ की सबसे गंभीर चेतावनी के तौर पर लिया जाता है। यही चेतावनी जनवरी 2020 में कोविड-19 को लेकर जारी की गई थी। लेकिन फिर भी मंकीपॉक्स के मामले में फिलहाल घबराने जैसी बात नहीं है। अभी दुनिया भर में मंकीपॉक्स को लेकर थ्रेट लेवल मॉडरेट माना जा रहा है। सिर्फ यूरोप में इसे हाई लेवल पर रखा गया है। ध्यान रहे, डब्लूएचओ की एक्सपर्ट कमिटी में भी मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमर्जेंसी घोषित करने पर सर्वसम्मति नहीं थी। इसके सदस्य इसे लेकर बंटे हुए थे और अधिकतर अभी इस फैसले के खिलाफ थे। इसके बावजूद अगर डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमर्जेंसी घोषित करने की जरूरत महसूस की तो उसके ठोस कारण हैं।
ध्यान रहे, यह पहला मौका है जब डायरेक्टर जनरल ने एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश के बगैर ऐसी चेतावनी जारी की है। निश्चित रूप से इसके पीछे एक बड़ा फैक्टर कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया में बनी स्थिति भी है। इस महामारी के चलते दुनिया भर की स्वास्थ्य सेवाएं अस्तव्यस्त सी हैं, अर्थव्यवस्था भी उससे लगे झटके से उबर नहीं पाई है। ऐसे में एक और महामारी की आशंका भी अगर गंभीर रूप में सामने आई तो उसके भयानक दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। दूसरी बात यह कि मंकीपॉक्स के मामले भी पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं। पिछले महीने तक 47 देशों से इसके मात्र 3040 मामले पाए गए थे। लेकिन अब 75 देशों में 16,000 मामले सामने आ चुके हैं।
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मंकीपॉक्स अफ्रीकी देशों के लिए कोई नई बात नहीं है, वहां पिछले कुछ समय से हर साल इसके मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन ये उन्हीं इलाकों तक सीमित रहते थे। इस बार इसका दायरा बहुत बड़ा हो गया है। डब्लूएचओ ने इसके व्यापक संक्रमण की प्रवृत्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके फैलाव का तरीका कुछ ऐसा रहा है जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। ऐसे में स्वाभाविक ही सावधानी की जरूरत महसूस की गई। डब्लूएचओ की चेतावनी के कारण अब इससे निपटने के प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर तालमेल हो पाएगा।
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वैसे जहां तक भारत की बात है तो अभी तक इसके चार ही मामले सामने आए हैं। चार में से तीन में पीड़ित व्यक्ति विदेश से लौटे थे। इन बातों से पता चलता है कि कम से कम अभी मंकीपॉक्स से घबराने की जरूरत नहीं है। पर्याप्त सावधानी बरती जाए तो बिलकुल संभव है कि इस वायरस जन्य बीमारी को काबू में रखते हुए ही इससे मुक्ति पा ली जाए।