सम्पादकीय

डॉलर की विडंबना

Gulabi Jagat
18 April 2022 11:40 AM GMT
डॉलर की विडंबना
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डॉलर की यह विश्व मुद्रा के रूप में भूमिका अचानक खत्म हुई
By NI Editorial
डॉलर की यह विश्व मुद्रा के रूप में भूमिका अचानक खत्म हुई, तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए उसका बेहद हानिकारक असर होगा। दरअसल, इसका प्रभाव लगभग पूरी दुनिया पर होगा। इसके बावजूद हालात ऐसे हैं कि डॉलर का वर्चस्व खत्म होने की चर्चा खुल कर हो रही है।
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिकी मुद्रा डॉलर का मूल्य चढ़ रहा है। इसके बावजूद कारोबार जगत में ये धारणा आम है कि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के धन को पश्चिमी देशों ने जिस तरह जब्त किया, उससे अमेरिकी मुद्रा डॉलर की साख को गहरा नुकसान पहुंचा है। गौरतलब है कि अभी पांच साल पहले तक इक्के-दुक्के लोग ही यह कहते थे कि वित्तीय जगत में डॉलर का वर्चस्व घट रहा है। लेकिन अब गोल्डमैन सैक्श और क्रेडिट सुइसे जैसी एजेंसियों की रिपोर्ट में भी ये बात कही जाने लगी है। कुछ अमेरिकी अर्थशास्त्री अब इस पर चर्चा करने लगे हैं कि डॉलर का दबदबा खत्म होने का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा। पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि अभी डॉलर के वर्चस्व में परोक्ष रूप से क्षय हो रहा है। लेकिन यह उस स्थिति की पृष्ठभूमि है, जब ऐसा अधिक खुले रूप में होने लगेगा। साफ है कि डॉलर के बिना कारोबार चलाने की मुहिम का नेतृत्व फिलहाल रूस कर रहा है। इसकी तैयारी उसने कई वर्ष पहले शुरू की थी। लेकिन 2021 में इसमें काफी तेजी लाई गई।
जनवरी 2021 की तुलना में इस साल जनवरी तक वह अपने विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का हिस्सा 21 प्रतिशत घटा चुका था। इसी अवधि में वह अपने भंडार में चीनी मुद्रा मुद्रा युवान का हिस्सा 13 से बढ़ा कर 17 प्रतिशत तक ले गया। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि दुनिया में निर्यात के हिसाब से अमेरिका की ताकत पहले ही काफी घट चुकी है। अब इसमें उसका हिस्सा सिर्फ आठ प्रतिशत बचा है। जबकि चीन का हिस्सा 15 फीसदी हो गया है। अमेरिकी सरकार पर कर्ज के बढ़ते बोझ और वहां मुद्रास्फीति की ऊंची दर ने भी चिंताएं बढ़ाई हैँ। तो अब यह चेतावनी दी जा रही है कि अब डॉलर में अपना धन ना रखने का चलन तेज गति से आगे बढ़ सकता है। ये सच है कि दुनिया उस मुकाम पर है, जहां विभिन्न देशों का काम बिना डॉलर रखे चल सकता है। भारत और रूस के बीच रुपया-रुबल में कारोबार की फिर हो रही शुरुआत इस बात की मिसाल है। बहरहाल, यह तय है कि डॉलर की यह विश्व मुद्रा के रूप में भूमिका अचानक खत्म हुई, तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए उसका बेहद हानिकारक असर होगा।
Gulabi Jagat

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