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- मोदी के बांग्लादेश...
शेख मुजीबुर्रहमान ( Sheikh Mujibur Rahman) ने जब 26 मार्च 1971 को पाकिस्तान (Pakistan) से अलग भारत के पूर्व में बांग्लादेश (Bangladesh) के आज़ादी की घोषणा की थी तो उन्हें इस बात का कतई अंदेशा भी नहीं रहा होगा कि 50 साल बाद पड़ोसी देश भारत में और खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल में इस पर विवाद शुरू हो जाएगा. भले ही बांग्लादेश की स्थापना में इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi) का बड़ा योगदान रहा था, पर ऐसे अवसरों पर निमंत्रण सरकार के प्रमुख को दिया जाता है. लिहाजा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश ने अपनी 50वीं सालगिरह पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया और मोदी 26 और 27 मार्च को दो दिन के दौरे पर बांग्लादेश में होंगे. मोदी या बीजेपी का बांग्लादेश की आज़ादी में कोई भूमिका भले ही नहीं रही हो, पर आमंत्रण तो भारत के वर्तमान प्राधानमंत्री को ही दिया जाएगा, ना कि इंदिरा गाँधी की पुत्रवधू सोनिया गाँधी या इंदिरा गाँधी के पोते राहुल गाँधी को, ना ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को, तो फिर मोदी के बांग्लादेश दौरे पर विवाद समझ से परे है.