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अब फर्ज करते हैं गांव के किसी ऐसे व्यक्ति की, जो अपने खेत में उगी ताजी सब्जिया
मनीषा पांडेय।
हालांकि ये स्टडी कोई भी ऐसी नई बात नहीं कह रही है, जो मनुष्य अपने अनुभव, विवेक, परंपरा और जीवन से अर्जित व्यावहारिक ज्ञान से नहीं जानता है. अपना सारा समय टीवी और डिजिटल स्क्रीन के सामने बैठकर फास्ट फूड खाते हुए बिताने वाले लोगों को भी ये पता तो है कि कौन सी चीज ज्यादा सेहतमंद है. ये बात अलग है कि वो अपनी जानकारी को जीवन में उतारने की कोई कोशिश नहीं करते.
फिलहाल बात हो रही थी स्टडी की. अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के मेडिसिन स्कूल में फ्रीडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रीशन साइंस एंड पॉलिसी सेंटर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने पोषक तत्वों और गुणों के आधार पर दुनिया के 8000 भोज्य पदार्थों की रैंकिंग की है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से उस सारे भोजन को इस स्टडी में शामिल किया है, जो विभिन्न देशों और सभ्यताओं में मनुष्य का प्रमुख भोजन है.
इस स्टडी में दुनिया के 8000 भोज्य पदार्थों की 1 से लेकर 100 तक स्कोरिंग की गई है. कहने की जरूरत नहीं कि जिन चीजों को 100 नंबर मिले हैं, वो मनुष्य के शरीर और स्वास्थ्य के लिए सबसे उत्तम हैं और जिन चीजों को सिर्फ एक नंबर मिला है, वो सेहत के लिए सबसे खराब नहीं, बल्कि सबसे खतरनाक चीज है.
एक बात तो यहां दावे के साथ कही जा सकती है कि इस रैंकिंग को देखकर आपको आश्चर्य तो नहीं होगा. न ही ऐसा लगेगा कि अरे ये बात हमें पहले से पता ही नहीं थी. लेकिन रैंकिंग देखकर एक धक्का जरूर लग सकता है कि आप अब तक जो कुछ भी प्रमुखता से खाते रहे हैं, वह फूड रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर पड़ा है. यानि कि अब तक आप अपने शरीर में सबसे खतरनाक और नुकसानदायक चीजें ही डालते रहे हैं.
फर्ज करते हैं कि कोई मि. ए हैं, जो रोज सुबह नाश्ते में आलू भरकर सैंडविच खाते हैं. या फिर ऑफिस के रास्ते में हॉट डॉग या बरगर. फिर दोपहर के लंच में पिज्जा के साथ फ्रेंच फ्राइज ऑर्डर करते हैं और साथ में कोई एनर्जी या कार्बोनेटेड ड्रिंक भी. शाम के स्नैक्स में डोनट, समोसा, कचौड़ी या इसी तरह की हाई कार्ब और कैलरी वाली कोई चीज खाते हैं और रात के खाने में फिर वही सब फास्ट फूड या हाई कार्ब, जीरो प्रोटीन फूड.
आपको पता है कि मि. ए के द्वारा खाई जा रही सारी चीजें टफ्ट्स मेडिसिन स्कूल की फूड रैंकिंग में किस नंबर पर आती हैं. ये सारी चीजों का नंबर 10 से कम है और सबसे कम नंबर फास्ट फूड, एनर्जी ड्रिंक और कार्बोनेटेड ड्रिंक का है.
मि. ए अपने शरीर में ऐसी चीजें डाल रहे हैं, मानो वो कोई कचरे का डिब्बा है. दुनिया-जहान का कचरा, केमिकल मिक्स हाई फैट, हाई कार्ब फूड सब उनके शरीर में जा रहा है. हर वो नुकसानदायक चीज, जिसके लंबे समय में गंभीर सेहत संबंधी नतीजे दिखाई देंगे.
अब फर्ज करते हैं गांव के किसी ऐसे व्यक्ति की, जो अपने खेत में उगी ताजी सब्जियां, अपने बाग में उगे फल और अपनी जमीन में पैदा हो रहा अन्न खा रहा है. उसके खाने में डेयरी उत्पाद तो है, लेकिन वो कंपनी प्रॉसेस्ड प्रोडक्ट नहीं है. उसके खाने का बड़ा हिस्सा सब्जियां, फल और आसपास उग रहा प्राकृतिक भोजन है. अगर वह किसी तटीय इलाके में रहता है तो उसका भोजन मछली और सी फूड है.
वो व्यक्ति, जो बड़े डिपार्टमेंटल स्टोरों से खरीदकर पैकेज्ड फूड और बड़े रेस्त्राओं में जाकर चायनीज और कॉन्टिनेंटल फूड नहीं खा रहा है, उसका भोजन टफ्ट्स मेडिसिन स्कूल की फूड रैंकिंग में 100वें नंबर पर है.
दरअसल दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उगने वाले 300 से ज्यादा प्रकार के फलों और सब्जियों को इस फूड रैंकिंग में सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं. उसमें भी कच्ची सब्जियों को पके हुए भोजन के मुकाबले ज्यादा नंबर दिए गए हैं क्योंकि उसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. इसके साथ ही नट्स और सीड्स को भी सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं.
सब्जियों में भी हरी सब्जियों और फाइबर वाली चीजों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं. फलों में सबसे ज्यादा नंबर बेरीज को मिले हैं क्योंकि उनमें शुगर की मात्रा सबसे कम होती है. लेकिन इस फूड रैंकिंग के मुताबिक बाकी फल भी मीठे होने के बावजूद सेहत के लिए फायदेमंद चीजों की श्रेणी में रखे गए हैं.
डेयरी उत्पाद बीच की श्रेणी में रखे गए हैं, जो नुकसानदायक तो नहीं हैं लेकिन बहुत फायदेमंद भी नहीं हैं. इस रैंकिंग में सबसे कम नंबर फास्ट फूड और मिठाइयों को मिले हैं. शुगर को सेहत के लिए खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है. इसके साथ ही एनर्जी ड्रिंक और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स भी डेंजर वाली कैटेगरी में आते हैं.
इस लिस्ट में आप किसी भी खाद्य पदार्थ को ढूंढकर उसकी रैंकिंग देख सकते हैं. अगर किसी भोजन की रैंकिंग 30 से ऊपर है तो उसे खाया जा सकता है. लेकिन अगर उसकी रैकिंग 70 के ऊपर है तो वो सेहत के लिए सबसे ज्यादा मुफीद और सुरक्षित है. 30 के नीचे की रैंकिंग डेंजर जोन है. इससे कम रैंकिंग वाले किसी भी भोजन को अपने पेट में डालना बीमारियों को न्यौता देना है.
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