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- एमएसपी गारंटी पर...
केंद्र के तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भी किसान आंदोलन के खत्म होने की सूरत नहीं दिख रही। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह सरकार से लंबित मांगों पर बातचीत शुरू करने की अपील करेगा। वह सभी फसलों की खरीदारी के लिए खासतौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लीगल गारंटी, किसानों पर दर्ज एफआईआर खत्म करने, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 वापस लेने की भी मांग कर रहा है। आंदोलन के दौरान जिन 670 किसानों की मृत्यु हुई, उनके लिए मोर्चा ने मुआवजे की भी मांग की है। सरकार एमएसपी पर एक कमिटी बनाने का ऐलान कर चुकी है, लेकिन लगता नहीं कि यह मसला जल्द सुलझेगा। किसान संगठनों का कहना है कि एमएसपी पर लीगल गारंटी मिलने पर वह न्यूनतम कीमत बन जाएगी। तब सरकार के साथ निजी क्षेत्र को भी खरीदारी के लिए उस न्यूनतम मूल्य का भुगतान करना होगा। लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इसे लागू करने में एक दिक्कत तो यह है कि न्यूनतम कीमत तय करने के साथ खरीदे जाने वाली फसल की गुणवत्ता का मानक भी तय करना होगा। अगर ऐसा हुआ तो इस मानक से नीचे अनाज के होने पर एमएसपी नहीं मिलेगी।