- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- मध्य प्रदेश की डायरी :...
बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ..यह कहावत मध्य प्रदेश के दिग्गी राजा अर्थात पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह पर सटीक बैठती है। वह ऐसे ही शख्स हैं जो अपनी धुन में रमे रहकर अक्सर विवादों को जन्म देते हैं। भले ही वह धुन देश की आवाज के खिलाफ ही क्यों न हो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार खासकर राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। गाहे-बगाहे उनके राहुल के राजनीतिक गुरु होने की चर्चा भी होती है। वह कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य भी हैं। ऐसा वरिष्ठ नेता कोई भी बात आनायास बोलेगा इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। वह भी दिग्विजय जैसे नेता से तो बिल्कुल ही नहीं। कई बार तो उनके विवादित बयानों ने न सिर्फ उन्हें आलोचना का केंद्र बनाया बल्कि कांग्रेस को भी कटघरे में खडा किया। कांग्रेस को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बावजूद यदि दिग्विजय देश की भावना के खिलाफ कोई टिप्पणी करते हैं तो इसे आनायास नहीं कहेंगे। निश्चित ही इसमें भी सोची समझी रणनीति होती है। कांग्रेस इससे अलग हो, यह सोचना भी उचित नहीं होगा।