सम्पादकीय

त्रिवेंद्र की जगह धन सिंह रावत को बनाया जा सकता है उत्तराखंड का सीएम, ये 4 भी हो सकते हैं 'छुपा रुस्तम'

Gulabi
9 March 2021 3:06 PM GMT
त्रिवेंद्र की जगह धन सिंह रावत को बनाया जा सकता है उत्तराखंड का सीएम, ये 4 भी हो सकते हैं छुपा रुस्तम
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब अटकलों का बाजार गर्म है

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब अटकलों का बाजार गर्म है कि उनकी जगह प्रदेश के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ले रहे हैं. हालांकि राजनीति संभावनाओं का खेल है और कुछ भी होने से इनकार नहीं किया जा सकता. अभी फिलहाल 4 नामों की चर्चा सत्ता की गलियारों में है. पर इन सबसे इतर कोई छुपा रुस्तम भी साबित हो सकता है. कल बुधवार को दस बजे पार्टी मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल की बैठक है. जिन लोगों के नाम की चर्चा चल रही है उनमें सतपाल महाराज, अजय भट्ट, धन सिंह रावत और अनिल बलूनी का नाम लिया जा रहा है.

भाजपा नेता रमन सिंह और दुष्यंत गौतम विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए हैं. ये लोग विधायक दल के नए नेता का चुनाव कराएंगे. बताया जा रहा है कि रमन सिंह छत्तीसगढ़ से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं और वे वहीं से सीधा देहरादून के लिए रवाना हो जाएंगे. इन नामों की चर्चा है-
1-धन सिंह रावत
धन सिंह रावत उत्तराखंड के श्रीनगर (गढ़वाल) से विधायक हैं और राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं. इन्हें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का करीबी समझा जाता है. इनके बारे में प्लस पॉइंट ये है कि ये संघ के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. इसके अलावा इनकी जाति भी त्रिवेंद्र सिंह वाली ही है. इसलिए कोई नाराजगी वाली बात भी नहीं होनी चाहिए. दूसरे इनके नाम के लिए त्रिवेंद्र भी राजी हो सकते हैं. कोरोना काल में जब सीएम को कोरोना हो गया था तो अनौपचारिक रूप से धन सिंह रावत ने ही मुख्यमंत्री का काम संभाला हुआ था. त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के समय जिस तरह उनकी उपस्थिति को सुनिश्चित किया गया उससे भी उनकी दावेदारी मजबूत होती दिख रही है.
2- अनिल बलूनी
अनिल बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी भी हैं. एक समय वे पत्रकार होते थे. बताया जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के भी खास हैं. वाणी से मृदुभाषी अनिल बलूनी उत्तराखंड बीजेपी में अच्छी पकड़ रखते है. इस्तीफे के पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की वजह से अनिल बलूनी के नाम का ग्राफ भी ऊपर है.
3-अजय भट्ट
नैनीताल-उधमनगर सीट से लोकसभा सांसद अजय भट्ट कुछ समय पहले तक प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष भी रहे. साल 2012 से 2017 तक वह उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के साथ उन्होंने अपना राजनीतिक सफर 1985 से शुरू किया. इसके बाद 1996 से 2007 तक वह रानीखेत विधानसभा से विधायक भी रहे हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार में वह कई मंत्रालयों को भी संभाल चुके हैं. हालांकि जब 2017 में बीजेपी की प्रदेश में जीत हुई तो वह कांग्रेस के इंदिरा हृदयेश से हार गए. लेकिन 2019 में वह लोकसभा के लिए नैनीताल-उधम नगर से चुन लिए गए.
4-सतपाल महाराज
मौजूदा उत्तराखंड सरकार में मंत्री सतपाल महराज ने अपने राजनीतिक जीवन का सफर 90 के दशक से किया था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सबसे पहले कांग्रेस सी की थी, इसके बाद वह देवगौड़ा और गुजराल सरकार में राज्यमंत्री रहें. इसके बाद उन्होंने 2004 में सांसदी का चुनाव लड़ा और जीत गए. हालांकि 2014 में जब मोदी लहर पूरे देश में चल रही थी तो उस लहर में बह कर वह भी कांग्रेस से बीजेपी में आ गए और 2017 में चौबट्टाखाल सीट से विधायकी का चुनाव लड़कर त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री बन गए. हालांकि उनका हमेशा से मुख्यमंत्री बनने का सपना रहा है जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. हालांकि इस बार उनका सपना पूरा होगा इसमें संदेह ज्यादा है क्योंकि बीजेपी की यह रणनीति रही है कि दूसरे दलों से आए हुए लोगों को इतनी जल्दी मुख्यमंत्री जैसा पद नहीं दिया जाता.


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