- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- उत्तराखंड धाम में आये...
आदित्य चोपड़ा| देव भूमि कहा जाने वाला छोटा सा पहाड़ी मगर सीमान्त राज्य उत्तराखंड मुख्यमन्त्रियों के लिए 'बहारों के सपने' बना हुआ है। जिस तेज गति से पिछले चार महीनों में इस प्रदेश में तीन मुख्यमन्त्री बदले गये हैं उससे यह प्रतीत होता है कि राज्य की शासन व्यवस्था को संभालना टेढी खीर है। बेशक इस राज्य की चुनौतियां इसके छोटे होने के बावजूद बहुत बड़ी हैं जिनमें सबसे प्रमुख इसका सर्वांगीण विकास है। ऐसा लगता है कि अगले साल मार्च महीने में होने वाले इस राज्य के चुनावों से पूर्व सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपने सारे विकल्प खंगाल लेना चाहती है और राज्य की जनता को विश्वास दिलाना चाहती है कि उसके पास नेतृत्व के विकल्प की पूरी एक शृंखला है जिसमें बुजुर्ग से लेकर युवा चेहरे तक शामिल हैं। अतः घनघोर रूढि़वादी समझे गये श्रीमान तीरथ सिंह रावत के स्थान पर पार्टी नेतृत्व ने इस बार युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी पर दांव खेला है।