सम्पादकीय

विकास के मुद्दे हो रहे गायब…

Rani Sahu
27 Feb 2022 6:54 PM GMT
विकास के मुद्दे हो रहे गायब…
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सोशल मीडिया द्वारा टीवी के समाचार चैनलों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वक्ता व संवाददाताओं द्वारा किए गए तर्क-वितर्क से देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था में भाईचारा, एकता व देशभक्ति के विपरीत नफरत का जहर फैल रहा है

सोशल मीडिया द्वारा टीवी के समाचार चैनलों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वक्ता व संवाददाताओं द्वारा किए गए तर्क-वितर्क से देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था में भाईचारा, एकता व देशभक्ति के विपरीत नफरत का जहर फैल रहा है। हिंदू-मुसलमान में और हिंदुओं में भी ब्राह्मण, ठाकुर, ओबीसी व दलितों के बीच जातीय ध्रुवीकरण करके सरकार की सत्ता पर नियंत्रण एवं कब्जा करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। इससे असुरक्षा व सामाजिक विघटन का वातावरण पैदा हो रहा है। चाहिए तो यह कि ये संवाददाता व प्रवक्ता राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक उन्नति एवं एकता के लिए सार्वजनिक हित में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे विकासकारी विषयों पर बहस करें तथा उन्हें प्रमुखता दें। लेकिन इसके उलट विकास के मुद्दे गायब हो रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

-रमेश नंदा, कोहाला, कांगड़ा




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