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- आक्रामक संघवाद की ओर...
डॉ. एके वर्मा: पिछले कुछ समय से देश न केवल महामारी, कुत्सित चीनी चालों और प्रायोजित देसी आंदोलनों, वरन संघीय व्यवस्था में बढ़ती आक्रामकता से भी जूझ रहा है। इसकी पहल बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की है। वह चुनाव जीतने के बाद से केंद्र पर लगातार हमलावर हैं और उससे खुला असहयोग कर रही हैं। शायद यही बताने वहां के राज्यपाल दिल्ली आए हैं। केंद्र के साथ असहयोग की सबसे खराब बानगी ममता ने तब दिखाई, जब प्रधानमंत्री मोदी ने यास तूफान से नुकसान की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर ममता मुख्यसचिव के साथ देर से पहुंचीं और मीटिंग छोड़ जल्दी चली गईं। परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव को दिल्ली तलब किया। ममता ने उनसे त्यागपत्र दिलवाकर अपना प्रमुख परामर्शदाता बना दिया, पर दिल्ली न जाने दिया। ममता ने न केवल संघीय सरकार के विरुद्ध आक्रामकता का द्वार खोला है, वरन राजनीतिक एवं प्रशासनिक कार्यपालिका में टकराव का बीजारोपण भी कर दिया है। ममता जिस तरह बंगाल हिंसा पर रोक नहीं लगा रही हैं, वह भी केंद्र के खिलाफ उनके आक्रामक रवैये का सुबूत है।