सम्पादकीय

दिल्ली अभी भी दूर है

Gulabi
9 Nov 2021 5:19 PM GMT
दिल्ली अभी भी दूर है
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भारत सरकार ने कुछ दिन पहले 100 करोड़ टीके लगा देने का जश्न मनाया

बहुत ऐसे लोग भी जो महामारी के दूसरे दौर में सरकार के आलोचक थे, यह कहने लगे कि शुरुआत में कुछ गलतियां या गड़बड़ियां हुईं, लेकिन आखिरकार सरकार ने हालात को संभाल लिया। ना सिर्फ संभाल लिया, बल्कि उसने टीकाकरण में रिकॉर्ड सफलता हासिल कर ली।


भारत सरकार ने कुछ दिन पहले 100 करोड़ टीके लगा देने का जश्न मनाया। इसके जरिए यह सत्ताधारी पार्टी अपने समर्थक वर्ग में यह नैरेटिव बनाने में काफी हद तक कामयाब रही कि भारत ने कुछ वैसा कर दिखाया है, जैसा कहीं और नहीं हुआ। हालांकि ये बात भी तथ्यात्मक नहीं है, इसके बावजूद बहुत ऐसे लोग भी जो महामारी के दूसरे दौर में सरकार के आलोचक थे, यह कहने लगे कि शुरुआत में कुछ गलतियां या गड़बड़ियां हुईं, लेकिन आखिरकार सरकार ने हालात को संभाल लिया। ना सिर्फ संभाल लिया, बल्कि उसने टीकाकरण में रिकॉर्ड सफलता हासिल कर ली। लेकिन ऐसे तमाम लोगों को विशेषज्ञों की इस राय पर गौर करना चाहिए कि स्थिति अभी भी काफी चुनौतीपूर्ण है। इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक कार्यक्रम में रेखांकित किया। लेकिन ऐसी बातें मीडिया की सुर्खियां नहीं बनतीं। इसलिए वे उस नैरेटिव का हिस्सा नहीं बनतीं, जिसका वर्चस्व बना हुआ है।

गौरतलब यह है कि जिन 100 करोड़ टीकों का जश्न मनाया गया था, उनमें से अधिकांश टीके सिर्फ पहली खुराक के हैं। अनुमान है कि टीका लेने के योग्य कुल आबादी में से सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों को दोनों टीके लगे हैं। यह संख्या भी कुछ ही राज्यों में ज्यादा है और अधिकतर में कम। सिर्फ पांच राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा योग्य लोगों को दोनों टीके दिए जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी अभी तक 50 प्रतिशत के इस मील के पत्थर को हासिल नहीं कर पाई है। और तो और, देश में 48 जिले ऐसे भी हैं जहां पहला टीका भी अभी तक 50 प्रतिशत से कम लोगों को लगा है। इस कार्यक्रम में ऐसी धीमी प्रगति की एक बड़ी वजह टीकाकरण को पहचान पत्र समेत रजिस्ट्रेशन जैसी तकनीकी दिक्कतों में उलझा देना है। मसलन, कई राज्य लंबे समय से कार्यक्रम को लोगों के घरों तक ले जाने की केंद्र से अनुमति मांग रहे हैं। अब जाकर प्रधानमंत्री ने इस बैठक में सैद्धांतिक रूप से इसकी अनुमति दी है। ये आंकड़ा ध्यान देने योग्य हैः कुछ विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि अगर भारत टीके के लिए योग्य सभी नागरिकों को 2021 के अंत तक दोनों टीके लगा देना चाहता है तो एक दिन में कम से कम 1.2 करोड़ टीके देने होंगे। स्पष्टतः आगे का रास्ता चुनौती भरा है।
नया इण्डिया
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