- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- दिल्ली फिर 'गैस...
दिव्यहिमाचल .
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर 'गैस चैंबर' बन गई है। दीपावली की पटाखेबाजी ही सनातन कारण नहीं है। दिवाली के अगले दिन ही करीब 40 फीसदी प्रदूषण पराली के हिस्से दर्ज किया गया। इसके अलावा औद्योगिक, निर्माण-कार्यों, परिवहन और अन्य कारणों से भी प्रदूषण फैलता और बढ़ता रहा है। पटाखे आग में घी का काम करते रहे हैं। दिल्ली का वायु प्रदूषण भयावह स्तर को छूकर लौट रहा है। ऐतिहासिक इंडिया गेट, नेशनल स्टेडियम, पटपड़गंज, श्रीनिवासपुरी, शाहदरा, आनंद विहार, ओखला और सोनिया विहार आदि स्थानों के अलावा गाजि़याबाद और नोएडा सरीखे आसपास के इलाकों में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 999 तक पहुंच गया था। यह अत्यंत भयावह और जानलेवा बिंदु है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि ऐसा प्रदूषण राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों को बढ़ा सकता है। दोनों का मानवीय फेफड़ों से सीधा संबंध है। प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों के मुताबिक, दिल्ली का हर तीसरा बच्चा अस्थमा का मरीज है। फेफड़े विकृत हो रहे हैं। सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं। सांस फूलने लगा है, लिहाजा हार्ट अटैक के आसार घने हो रहे हैं।