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- फटकार में देरी: बकरीद...
केरल सरकार की ओर से बकरीद पर लाकडाउन में ढील दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए उसे जो फटकार लगाई, वह जरूरी थी, क्योंकि केरल उन राज्यों में से है, जहां कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। यह हैरत की बात रही कि जब केरल सरकार को यह देखना चाहिए था कि बकरीद के अवसर पर बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों में भीड़-भाड़ न होने पाए, तब उसने तीन दिन के लिए खास रियायत दे दी। इससे भी आपत्तिजनक बात यह रही कि उसने राज्य के उन इलाकों में भी दुकानें खोलने की अनुमति दे दी, जहां कोरोना संक्रमण की दर 15 प्रतिशत से भी अधिक थी। निश्चित रूप से ऐसा करके महामारी के जोखिम को और बढ़ाने का काम किया गया। यह सहज ही समझा जा सकता है कि ऐसा केवल व्यापारी संगठनों के दबाव में ही नहीं किया गया होगा, बल्कि वोट बैंक बनाने या उसे मजबूत करने की कोशिश के तहत भी किया गया होगा। यह लज्जा की बात है कि कोई राज्य सरकार लोगों की जान जोखिम में डालकर तुष्टीकरण की ऐसी खुली राजनीति करे। केरल सरकार ने यह काम इस तथ्य से अवगत होने के बाद भी किया कि कुछ ही दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में प्रतीकात्मक रूप से भी कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी थी।