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- विवाद में मौतें :...
पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े जारी किए हैं। इनमें भारत के आंकड़े भी शामिल हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर दिए गए आंकड़े कहकर खारिज कर दिया है। इन आंकड़ों की असलियत क्या है, इस आलेख में इसी विषय पर चिंतन करने की कोशिश करेंगे। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के दौरान हुई मौतों के आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। इनमें भारत में मौतों का आंकड़ा 47 लाख बताया गया है, जबकि हमारा घोषित आकड़ा 5 लाख का है। इसी पर विवाद है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान लगाने का तरीका गलत है और दूसरी तरफ आरोप है कि हम अंडर रिपोर्टिंग कर रहे हैं। इस संदर्भ में हमें जुमलों में फंसने की बजाय विवाद की जड़ को समझना होगा। किसी भी देश में महामारी के समय सभी मौतें पंजीकृत नहीं होतीं। कई देशों में पंजीकृत करने का तंत्र मज़बूत है और वे अपने आंकड़े सुधार लेते हैं, पर हमारे देश में यह सिस्टम आधे राज्यों में कमज़ोर है। हमारे यहां सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) है, जिसके अंतर्गत मौतों को पंजीकृत किया जाता है, परंतु कुछ राज्यों में सामान्य वर्षों में तीस से चालीस प्रतिशत मौतें पंजीकृत नहीं होती हैं।
सोर्स- divyahimachal