- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- पहाड़ों से छेड़छाड़ के...
भूपेंद्र सिंह| बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन जनित घटनाएं बहुत आम होती जा रही हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के कई गांवों में बरसात तबाही लेकर आई। पहाड़ों की गोद में बसे कई गांव देखते ही देखते नजरों से लुप्त हो गए। महाराष्ट्र के रायगढ़ के महाड़ में पहाड़ खिसका और बस्ती मलबे में बह गई। रत्नागिरी के पोसरे बोद्धवाड़ी में भी तबाही हुई। राज्य के करजात, दाभोल, लोनावला आदि में पहाड़ सरकने से खूब नुकसान हुआ। उत्तराखंड के चमोली में पहाड़ के मलबे ने कई गांवों को बर्बाद कर दिया। हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और सिलीगुड़ी से भी ऐसी ही खबरे हैं कि पहाड़ों का सीना काटकर जो सड़कें बनाई गई थीं, अब वहां बरसात के बाद मलबा बिछ गया है। ऐसी घटनाएं अभी बारिश के तीन महीनों में खूब सुनाई देंगी। जब कहीं मौत होगी तो कुछ मुआवजा बांटा जाएगा, लेकिन तबाही के असल कारणों को कुछ लोग जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं। सुना है कि महाराष्ट्र सरकार अब पहाड़ के तले बसे गांवों को अन्यत्र बसाने की तैयारी कर रही है।