सम्पादकीय

डाटा स्टोरी: चिलचिलाती गर्मी, पावर सप्लाई की मांग में इजाफे से और बढ़ा लू का संकट

Rani Sahu
8 May 2022 2:24 PM GMT
डाटा स्टोरी: चिलचिलाती गर्मी, पावर सप्लाई की मांग में इजाफे से और बढ़ा लू का संकट
x
नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) द्वारा प्रकाशित डेटा [https://posoco.in/reports/daily-reports/] से पता चलता है

आकाश गुलंकर

नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) द्वारा प्रकाशित डेटा [https://posoco.in/reports/daily-reports/] से पता चलता है कि चिलचिलाती गर्मी के कारण देश के अधिकतर राज्यों में बिजली की खपत काफी ज्यादा बढ़ गई है. सिर्फ अप्रैल के आंकड़ों पर गौर करें तो गर्मी के मौसम में देशभर में बिजली की रोजाना खपत 4000 मिलियन यूनिट (MU) से ज्यादा हो गई है, जो सामान्य से करीब 10 फीसदी ज्यादा है.
अप्रैल के महीने में सबसे ज्यादा बिजली की खपत 8 तारीख को दर्ज की गई. उस दिन देशभर में बिजली की खपत कुल 4520 मिलियन यूनिट रही. इसके अलावा रोजाना की औसत खपत पर गौर करें तो वह भी 4000 मिलियन यूनिट से ज्यादा है. एनएलडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल यानी 2021 के दौरान अप्रैल में ही बिजली की दैनिक औसत खपत 3975 मिलियन यूनिट थी. देशभर में बिजली आपूर्ति की रिकॉर्डतोड़ मांग और बढ़ते तापमान को देखते हुए न्यूज9 ने यह रिपोर्ट तैयार की है.
आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य से अधिक बिजली की मांग कर रहे राज्य
इस बार चिलचिलाती गर्मी की वजह से बिजली की मांग इतनी ज्यादा हो गई है कि अप्रैल 2022 में एक दिन में दर्ज की गई सबसे कम खपत अप्रैल 2021 के दौरान एक दिन में हुई सबसे ज्यादा खपत से भी अधिक है. एनएलडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2021 के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा खपत 4160 मिलियन यूनिट थी, जबकि अप्रैल 2022 में सबसे कम खपत 4238 मिलियन यूनिट दर्ज की गई.
चार्ट 1: भारत में बिजली की दैनिक खपत (2021 vs 2022)
अगर देशभर में अप्रैल के दौरान साल-दर-साल बिजली की खपत पर गौर करें तो बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है. अप्रैल 2021 के दौरान देश में बिजली की दैनिक खपत 3700 मिलियन यूनिट से 4100 मिलियन यूनिट प्रति दिन थी. हालांकि, इसमें रोजाना कम से कम 10 फीसदी का इजाफा हुआ. आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 के दौरान बिजली की दैनिक खपत 4238 मिलियन यूनिट से 4500 मिलियन यूनिट प्रति दिन दर्ज की गई. दिलचस्प बात यह है कि दोनों साल यानी 2021 और 2022 के अप्रैल महीनों में एक ही दिन बिजली की सबसे ज्यादा खपत दर्ज की गई. यह तारीख 8 अप्रैल थी. 8 अप्रैल 2021 को 4160 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई, जबकि 8 अप्रैल 2022 को 4520 मिलियन यूनिट खपत दर्ज की गई.
राज्यों में दैनिक औसत खपत में कम से कम 10 फीसदी का इजाफा
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में लगभग हर राज्य की दैनिक औसत बिजली खपत में कम से कम 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल की तुलना में सिक्किम में बिजली की खपत में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. यहां 74.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
चार्ट 2: राज्यों में बिजली की दैनिक औसत खपत में बदलाव
अब हम बात करते हैं उन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की, जहां बिजली की खपत काफी ज्यादा बढ़ गई. इस लिस्ट में दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गोवा शामिल हैं. इन सभी क्षेत्रों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बिजली की खपत में कम से कम 20 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है. हालांकि, कुछ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऐसे भी हैं, जहां पिछले साल की तुलना में बिजली की खपत में कमी आई है. इनमें केरल, तमिलनाडु, असम, त्रिपुरा और जम्मू और कश्मीर शामिल हैं. जम्मू और कश्मीर में बिजली की खपत में सबसे ज्यादा 7.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद असम का नंबर आता है, जहां बिजली की खपत में 7.8 फीसदी की कमी आई है. केरल, तमिलनाडु और त्रिपुरा में क्रमशः 0.9 फीसदी, 1.1 फीसदी और 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
हीट वेव क्या होती है?
आईएमडी की परिभाषा के मुताबिक, https://internal.imd.gov.in/section/nhac/dynamic/FAQ_heat_wave.pdf], हीट वेव दरअसल हवा के तापमान की उस स्थिति को कहा जाता है, जो मानव शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है. आसान शब्दों में समझें तो जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच जाता है. उस दौरान चलने वाली गर्म हवाओं को हीट वेव कहा जाता है. आईएमडी के मुताबिक, पहाड़ी इलाकों में हीट वेव के हिसाब से तापमान की सीमा 30 डिग्री सेल्सियस तय की गई है. उपरोक्त मानदंड के मुताबिक, कई मौसम विज्ञान स्टेशनों (तापमान मापने वाली प्रयोगशालाओं) ने संबंधित सीमा से ज्यादा तापमान की सूचना दी है.
11 मौसम विज्ञान स्टेशनों ने अब तक के उच्चतम तापमान की जानकारी दी है. देश भर में मौजूद मौसम विज्ञान केंद्रों से तापमान को लेकर मिले आंकड़ों [https://internal.imd.gov.in/press_release/20220502_pr_1604.pdf] से पता चलता है कि इस बार गर्मी के मौसम में तापमान काफी ज्यादा रहेगा. आईएमडी के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, कुल 11 मौसम विज्ञान स्टेशन अब तक उच्चतम तापमान के नए रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं. इनके अलावा तीन स्टेशनों गोपालपुर, झांसी और मिनिकॉय में उच्चतम तापमान अपने पिछले रिकॉर्ड के बराबर दर्ज किया गया है.
चार्ट 3: उच्चतम तापमान रिपोर्टिंग स्टेशन
उच्चतम तापमान की बात करें तो पचमढ़ी स्टेशन में दर्ज पिछले रिकॉर्ड की तुलना में सबसे ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया है. 2022 से पहले इस स्टेशन पर सबसे ज्यादा तापमान 38.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज था. आंकड़ों के मुताबिक, अब यहां सबसे ज्यादा तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है. अब उन मौसम विज्ञान स्टेशनों की बात करते हैं, जहां तापमान में काफी इजाफा दर्ज किया गया है. इनमें डाल्टनगंज, मोतिहारी, इलाहाबादएपी, लखनऊएपी, फिरोजपुर, धर्मशाला, अलवर, जैसलमेर, रतलाम और मदिकेरी शामिल हैं.
कोयले की कमी से बिजली उत्पादन में हो रही दिक्कत
कई राज्य बिजली आपूर्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं. इसके चलते इन राज्यों में कई घंटे तक लोड शेडिंग या बिजली कटौती की जा रही है. गर्मी शुरू होने के बाद से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से बिजली कटौती से जूझ रहे हैं.
कोयले से बनने वाली बिजली पर निर्भरता के कारण बिजली आपूर्ति का संकट और गहरा गया है. देश में बिजली की मांग 200 गीगावॉट के निशान को पार कर गई है, जबकि कोयले की कमी के चलते मजबूरन कई बिजली संयंत्र बंद कर दिए गए हैं. बिजली संकट के बीच कोयले की कमी के कारण लगभग 7955 मेगावॉट की क्षमता वाले कम से कम 27 पावर स्टेशनों को जबरन बंद कर दिया गया है.
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story