सम्पादकीय

कटौती का साहस

Subhi
10 Aug 2022 5:45 AM GMT
कटौती का साहस
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भारत में बढ़ती महंगाई के लिए तर्क दिया जाता है कि पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है। अन्य देशों के मुकाबले भारत में महंगाई अपेक्षाकृत कम है। बढ़ती महंगाई के लिए रुपए की डालर के मुकाबले गिरावट भी एक कारक है, जिसके लिए घरेलू कारण अधिक उत्तरदायी है। राजकोषीय घाटा और देश पर विदेशी कर्ज भी बढ़ता जा रहा है।

Written by जनसत्ता: भारत में बढ़ती महंगाई के लिए तर्क दिया जाता है कि पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है। अन्य देशों के मुकाबले भारत में महंगाई अपेक्षाकृत कम है। बढ़ती महंगाई के लिए रुपए की डालर के मुकाबले गिरावट भी एक कारक है, जिसके लिए घरेलू कारण अधिक उत्तरदायी है। राजकोषीय घाटा और देश पर विदेशी कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। सरकार को वेतन और पेंशन पर ही बहुत भारी खर्च करना पड़ता है।

विधायकों और सांसदों को जीवन पर्यंत पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। इन सब मदों में कटौती करने का वक्त आ चुका है। सरकार केवल जनता को मिलने वाली सबसिडी और रियासतों पर कैंची चला रही है, जो कि उचित नहीं है। क्या सरकार माननीयों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती करने का साहस दिखाएगी?

राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने एक बार फिर आशा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए यह सिद्ध किया है कि भविष्य में भारत खेलों में एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा। भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना 'खेलो इंडिया' के सार्थक परिणाम अब दिखने लगे हैं। लंदन में भारतीय युवा खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से यह जता दिया कि वे आगामी एशियाई और ओलंपिक खेलों में भारत की प्रतिष्ठा को निश्चित रूप से बढाएंगे।

इस राष्ट्रमंडल खेलों में विशेषकर युवा खिलाड़ियों ने अधिक पदक जीते हैं, जिनकी कोई विशेष पहचान नहीं थी। अन्यथा अक्सर ऐसा देखा गया है कि हमारे यहां कुछ खिलाड़ी कई वर्षों तक खेलते रहते हैं, उनको चुनौती देने वाला कोई खिलाड़ी दूर-दूर तक नहीं होता है। पर जब से खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत देश के गांव-गांव से बच्चे निकल कर आए हैं, जिन्होंने भारत को खेलों के क्षेत्र में न केवल प्रतिष्ठा दिलाई है, बल्कि प्रत्येक भारतीय को गर्व महसूस करवाया है।

लंदन में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 'ट्रैक एंड फील्ड' में आशा से भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इन खेलों में जब शूटिंग को शामिल नहीं किया गया था, तो भारत को कम पदक मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इसके विपरीत युवा खिलाड़ियों ने भारोत्तोलन, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कुश्ती, लान बाल, क्रिकेट हाकी और अन्य सभी खेलों में बहुत सराहनीय प्रदर्शन किया है। निश्चित रूप से भारत का खेलों में भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है।

भारत ने इकसठ पदकों के साथ पदक तालिका में चौथा स्थान प्राप्त किया है। भारत में एक बार दूसरा, एक बार तीसरा और चार बार चौथा स्थान प्राप्त किया है। इस बड़ी उपलब्धि के लिए भारत सरकार के खेल मंत्रालय के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोगी संस्थान भी बधाई के पात्र हैं। भविष्य में भी भारतीय खिलाड़ी सभी खेलों में भारत का नाम इसी प्रकार रौशन रखेंगे।


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