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- कोरोना का खतरनाक...
वायरस का म्यूटेशन कोई नई बात नहीं है। वायरस लम्बे समय तक जीवित रहने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित करने के लिए अपने जीनोम बदलते रहते हैं। ऐसे ही बदलाव कोरोना वायरस में भी हो रहे हैं। वायरस जितना मल्टीप्लाई होता है, उसमें म्यूटेशन होते हैं। इससे नए और बदले रूप में वायरस सामने आता है, जिसे वैरिएंट कहते हैं। देश में जिस ढंग से कोरोना के एक्टिव केस बढ़ रहे हैं, इसका कारण वायरस के नए वैरिएंट के कारण भी हो सकते हैं। 18 राज्यों में कोरोना के वैरिएंट्स मिले हैं, इन्हें वैरिएंट्स आफ कंसर्न यानि चिंताजनक वैरिएंट्स कहा जा सकता है। महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में खतरनाक वैरिएंट्स सामने आया जिसे डबल म्यूटैंट वैरिएंट्स कहा गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी कोरोना की नई लहर से चिंतित हो उठे हैं और देशवासियों में भी दोबारा डर का माहौल बन गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिंगल म्यूटेशन की तुलना में डबल म्यूटैंट वैरिएंट में इन्फैक्शन की दर बढ़ाने की सक्षमता ज्यादा होती है। अब तक 771 वायरस आफ कंसर्न सामने आ चुके हैं। कोरोना पर एसबीआई की 28 पृष्ठों की रिपोर्ट ने लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर सौ दिनाें तक चल सकती है। इसका अर्थ यही है कि कोराना का खतरनाक वैरिएंट चार या पांच माह तक और कहर बरपाएगा।