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- निर्यातों का खतरनाक...
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत के निर्यात बुलंद हैं और इनके बल पर हम तीव्र आर्थिक विकास हासिल कर लेंगे। यही मंत्र विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अन्य पश्चिमी संस्थाएं पिछले 50 वर्षों से हमें सिखा रही हैं। लेकिन इस नीति का परिणाम है कि देशों के बीच असमानता बढ़ती ही जा रही है और हम वैश्विक दौड़ में पिछड़ ही रहे हैं। विश्व व्यापार से हमें दूसरे देशों में बना सस्ता माल उपलब्ध हो जाता है, लेकिन इससे आर्थिक विकास जरूरी नहीं है। ऐसा समझें कि चीन के शंघाई में किसी बड़ी फैक्टरी में सस्ती फुटबाल का उत्पादन होता है। उस सस्ती फुटबाल का भारत में आयात किया जाता है और हमारे उपभोक्ता को फुटबाल कम मूल्य पर उपलब्ध हो जाती है। लेकिन साथ-साथ भारत में फुटबाल बनाने के उद्योग बंद हो जाते हैं क्योंकि उनके द्वारा बनाई गई फुटबाल महंगी पड़ती है। हमारे उद्योग में रोजगार उत्पन्न होना बंद हो जाता है।