- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- राष्ट्रीय चेतना जगाने...
भारत की आजादी में दांडी मार्च की खास अहमियत रही है। इस आंदोलन के माध्यम से महात्मा गांधी ने एक बार फिर दुनिया को सत्य और अहिंसा की ताकत का परिचय कराया था। इसी वजह से इसके आगाज के दिन को भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के भव्य समारोह के शुभारंभ के लिए चुना गया है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में दांडी मार्च सबसे प्रभावशाली प्रतीकात्मक आंदोलन रहा। इसके बाद से ब्रिटिश हुकूमत की औपनिवेशिक सत्ता दबाव में आने लगी थी। भारत में नमक बनाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। परंपरागत ढंग से नमक बनाने का काम किसानों द्वारा किया जाता है, जिन्हें नमक किसान भी कहा जाता है। पहले यह कार्य खास जाति के लोगों के हवाले था। बाद में नमक बनाने की तकनीक में धीरे-धीरे सुधार हुआ। समय के साथ नमक जरूरत की वस्तु के बजाय व्यापार की वस्तु बनने लगा। उसी दौरान अंग्रेजी सरकार ने कानून बनाकर भारतीयों द्वारा नमक बनाने को प्रतिबंधित कर दिया। भारतीयों में इसका भारी विरोध हुआ। उस कानून को तोड़कर भारतीयों को उनका हक दिलाने के लिए गांधी जी ने दांडी मार्च किया।