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- कटौती की आहट
देश में जहां तापमान बढ़ने से चिंता बढ़ी है, वहीं बिजली की खपत भी रिकॉर्ड स्तर पर है। अभी तक जो स्थिति है, उसे बहुत चिंताजनक तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन सावधान रहने की जरूरत है। राज्य सरकारों को संयम रखना चाहिए, लेकिन संकट की आशंका से कुछ राज्य सरकारें ज्यादा चिंतित हैं। एक सवाल यह पैदा हो गया है कि क्या देश में कोयले का अभाव होने लगा है? सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) की डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट के मुताबिक, 165 ताप विद्युत घरों में से 56 में 10 प्रतिशत या उससे कम कोयला बचा है। कम से कम 26 के पास पांच फीसदी से कम कोयला भंडार बचा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी ऊर्जा संकट और कोयले के अभाव के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है। पर इसके जवाब में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) का बयान खास मायने रखता है। एनटीपीसी ने कहा है कि उसके पास कोयले की कमी नहीं है।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान