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- ई-ट्रांसमिशन पर कस्टम...
इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क के स्थगन को विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में फिर से एक जीवन मिल गया है, जबकि इसके अंत हेतु भारत सम्मेलन की शुरुआत से ही 'मुखर प्रयास' कर रहा था। कुछ लोग कहते हैं, यह संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव के कारण हुआ है, दूसरों को लगता है कि भारत ने इसकी अन्य 'लाभों' के लिए सौदेबाजी की है। लेकिन यह उल्लेखनीय है कि भारत ने कहा था कि वह सीमा शुल्क पर इस रोक का विरोध करेगा, क्योंकि इससे हमारे डिजिटल विकास को नुकसान पहुंचाने के अलावा, राजस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि इसके कारण घरेलू खिलाडि़यों को बड़ी वैश्विक तकनीकी कंपनियों से तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। यह इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर टैरिफ अधिस्थगन के 'अस्थायी प्रावधान' को दूर करने का प्रयास करने का समय था, जो विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के बाद से चल रहा है। गौरतलब है कि विश्व व्यापार संगठन की शुरुआत के समय इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का व्यापार बहुत सीमित था। ऐसी स्थिति में, विश्व व्यापार संगठन के दूसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 1998 में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के व्यापार पर टैरिफ को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था और इस बीच विकास की जरूरतों के संदर्भ में वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक व्यापार से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए निर्णय लिया गया था।
सोर्स- divyahimachal