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- ई-लाइब्रेरी का सामयिक...
सीखने, सिखाने का जमाना डिजिटल होता जा रहा है। इसके साथ ही देश में ई-लाइब्रेरी का चलन बड़ी तेजी से फैल रहा है। हाल ही में डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करने की प्रतिबद्धता और देश भर में ई-कंटेंट की पहुंच बढ़ाने के लिए एक प्राइवेट डिजिटल लाइब्रेरी लॉन्च की गई है। यह डिजिटल लाइब्रेरी देश की नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के भी अनुरूप है। एक बड़ी पब्लिशिंग कंपनी द्वारा स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और शिक्षार्थियों को एक व्यापक डिजिटल शिक्षण समाधान उपलब्ध कराना है। यह लाइब्रेरी कई विषयों में ई-पुस्तक संग्रह और डिजिटल सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगी। इस लाइब्रेरी में 4000 से अधिक ई-बुक टाइटल का संकलन किया गया है। गुणवत्तापूर्ण संसाधनों की बढ़ती मांग को पूरा करने और भारत को वैश्विक अध्ययन गंतव्य बनाने में यह मदद करेगा। डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य बिल्ट-इन एनालिटिक्स का उपयोग करके सटीक गुणवत्ता वाली सामग्री की पेशकश करना है। यह शिक्षण संस्थानों के लिए आसान शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) एकीकरण छात्रों और शिक्षकों के लिए एकल-साइन-ऑन पहुंच का लाभ देगा, जिसका अर्थ है कि वे एक अलग लॉगिन की आवश्यकता के बजाय कॉलेज प्रणाली में एकल क्रेडेंशियल के साथ उत्पादों तक पहुंच सकते हैं। क्लाउड और आईपी पर सब्सक्रिप्शन मॉडल के आधार पर, यह संस्थानों को डिजिटल में जाने और भौतिक बुनियादी ढांचे पर महत्त्वपूर्ण बचत करके लागत दक्षता बढ़ाने में मदद करेगा। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार की गई यह डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों के लिए वन-स्टॉप, डिजिटल हैंडी रिपोजिटरी के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे उन्हें किसी भी समय, कहीं भी परेशानी मुक्त अध्ययन सामग्री के साथ चलते-फिरते सीखने की स्वतंत्रता मिलेगी। कोरोना महामारी के दौरान घर पर बैठकर की जा रही पढ़ाई में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया छात्रों की पहली पसंद बनकर उभरी है। देश में कोरोना की पहली लहर आने के बाद भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से इसे तैयार किया गया था।