सम्पादकीय

ई-लाइब्रेरी का सामयिक महत्त्व

Rani Sahu
22 Dec 2021 6:44 PM GMT
ई-लाइब्रेरी का सामयिक महत्त्व
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सीखने, सिखाने का जमाना डिजिटल होता जा रहा है

सीखने, सिखाने का जमाना डिजिटल होता जा रहा है। इसके साथ ही देश में ई-लाइब्रेरी का चलन बड़ी तेजी से फैल रहा है। हाल ही में डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करने की प्रतिबद्धता और देश भर में ई-कंटेंट की पहुंच बढ़ाने के लिए एक प्राइवेट डिजिटल लाइब्रेरी लॉन्च की गई है। यह डिजिटल लाइब्रेरी देश की नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के भी अनुरूप है। एक बड़ी पब्लिशिंग कंपनी द्वारा स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और शिक्षार्थियों को एक व्यापक डिजिटल शिक्षण समाधान उपलब्ध कराना है। यह लाइब्रेरी कई विषयों में ई-पुस्तक संग्रह और डिजिटल सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करेगी। इस लाइब्रेरी में 4000 से अधिक ई-बुक टाइटल का संकलन किया गया है। गुणवत्तापूर्ण संसाधनों की बढ़ती मांग को पूरा करने और भारत को वैश्विक अध्ययन गंतव्य बनाने में यह मदद करेगा। डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य बिल्ट-इन एनालिटिक्स का उपयोग करके सटीक गुणवत्ता वाली सामग्री की पेशकश करना है। यह शिक्षण संस्थानों के लिए आसान शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) एकीकरण छात्रों और शिक्षकों के लिए एकल-साइन-ऑन पहुंच का लाभ देगा, जिसका अर्थ है कि वे एक अलग लॉगिन की आवश्यकता के बजाय कॉलेज प्रणाली में एकल क्रेडेंशियल के साथ उत्पादों तक पहुंच सकते हैं। क्लाउड और आईपी पर सब्सक्रिप्शन मॉडल के आधार पर, यह संस्थानों को डिजिटल में जाने और भौतिक बुनियादी ढांचे पर महत्त्वपूर्ण बचत करके लागत दक्षता बढ़ाने में मदद करेगा। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार की गई यह डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों के लिए वन-स्टॉप, डिजिटल हैंडी रिपोजिटरी के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे उन्हें किसी भी समय, कहीं भी परेशानी मुक्त अध्ययन सामग्री के साथ चलते-फिरते सीखने की स्वतंत्रता मिलेगी। कोरोना महामारी के दौरान घर पर बैठकर की जा रही पढ़ाई में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया छात्रों की पहली पसंद बनकर उभरी है। देश में कोरोना की पहली लहर आने के बाद भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से इसे तैयार किया गया था।

वहीं इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर के द्वारा चलाया जा रहा है। खास बात है कि पिछले साल तैयार हुई इस लाइब्रेरी में अभी तक 60 लाख से ज्यादा छात्र रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इस लाइब्रेरी से रोजाना तकरीबन दो लाख डॉक्यूमेंट पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही इस लाइब्रेरी के प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ऐसे में अभी तक 60 लाख के लगभग बच्चे यहां रजिस्टर्ड हैं, जबकि करीब 32 लाख छात्र इस लाइब्रेरी पर सक्रिय हैं। इसमें 7.3 करोड़ पढ़ाई से संबंधित दस्तावेज या किताबों का ज्ञान उपलब्ध है, जिसमें से 60-70 फीसदी मैटीरियल पूरी तरह फ्री है। हालांकि इस लाइब्रेरी से संबंधित किसी भी किताब या डॉक्यूमेंट के इस्तेमाल पर कोई शुल्क नहीं है, लेकिन बाकी बचा हुआ करीब 30 फीसदी मैटीरियल सब्सक्रिप्शन पर मिलता है। ऐसे में करीब छह करोड़ के आसपास किताबें यहां से बच्चे किसी भी वक्त इस्तेमाल कर सकते हैं। इस लाइब्रेरी में प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की किताबें उपलब्ध हैं। इसके साथ ही यहां छात्रों से लेकर टीचर्स, रिसर्चर्स, लाइब्रेरियन और अन्य प्रोफेशनल के लिए भी किताबें मौजूद हैं। यहां मिलने वाला कंटेंट या मैटीरियल ऑडियो, वीडियो, डॉक्यूमेंट और किताबों के अलावा थीसिस के रूप में है। डिजिटल युग में पढ़ना तेजी से स्क्रीन-आधारित हो गया है। ई-लाइब्रेरी से मतलब उस डिजिटल लाइब्रेरी या डिजिटल पुस्तकालय से है, जहां पर हमें फिजिकल रूप से जाना नहीं पड़ता तथा 365 दिन हम 24 घंटे इस लाइब्रेरी का उपयोग कर सकते हैं तथा अपने अनुसार अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।
ई-लाइब्रेरी का अर्थ एक ऐसी लाइब्रेरी से है जहां पर डिजिटल रूप से सूचना और अध्ययन सामग्री एक्सेस की जाती है। इस लाइब्रेरी में इंटरनेट कनेक्शन के द्वारा कंप्यूटर या फिर एंड्राइड मोबाइल के द्वारा हम कहीं पर भी देश के किसी भी कोने में बैठकर किसी भी समय अपने अनुसार सूचना तथा अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों या स्रोतों जैसे कम्प्यूटर, मोबाइल, टीवी, रेडियो आदि के माध्यम से कई प्रकार कि सूचनाएं तथा विभिन्न क्षेत्रों का ज्ञान प्राप्त करना ई-लाइब्रेरी का भाग है। ई-लाइब्रेरी में सभी स्तर के अनुसार अधिगम सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसमें आप प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक तथा अनुसंधानकर्ताओं के लिए भी हर प्रकार की सामग्री उपलब्ध रहती है। ई-लाइब्रेरी अनुसंधान कार्य को अत्यंत सरल बना देती है क्योंकि इसके द्वारा समस्त प्रकार की अधिगम और अनुसंधान संबंधित सूचनाएं तथा लिखा हुआ लेख अधिगमकर्ताओं तक बहुत ही आसानी से पहुंच जाता है। ई-लाइब्रेरी द्वारा अधिगम या ज्ञान प्राप्त करने के लिए कुछ माध्यमों की आवश्यकता होती है, जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन, बहु माध्यम नेटवर्किंग आदि। इन सभी की सहायता से ई-लाइब्रेरी बहुत ही सरल और आसान बन गई है। ई-लाइब्रेरी ऑनलाइन लाइब्रेरी का ही एक प्रारूप है। यह उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है जिनके पास समय की कमी है। इन लोगों के पास यह सुविधा होती है कि वे ऑनलाइन किताबें पढ़ सकें। इसमें उन्हें पन्ने पलटने की भी जरूरत नहीं होती। सरकारों को ई-लाइब्रेरी की सुविधा विकसित करने के लिए काम करना चाहिए और फंडिंग के लिए आगे आना चाहिए। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए यह वरदान है। ई-लाइब्रेरी से आपको बाजार में आई नई किताबों के बारे में जानकारी मिल जाती है। आपके मनपसंद लेखक की कौन सी नई किताब आई, इसके बारे में आपको पता लग जाता है। इन ऑनलाइन लाइब्रेरियों में आप विज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र की किताबों से लेकर हिंदी उपन्यास भी पढ़ पाएंगे।
कई ऐसी ऑनलाइन लाइब्रेरी हैं जिनमें आप किताबों की समीक्षा लिख सकते हैं। इससे आपको कौन सी किताब खरीदनी है, इसके बारे में अंदाज लग जाता है। अभी कुछ दिनों पहले ही सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक ऑनलाइन बुक क्लब की शुरुआत की गई है। 'वीरीड' नाम का यह एप्लीकेशन कई सोशल नेटवर्किंग साइट पर मौजूद होगा। इसके माध्यम से आप अपने दोस्तों से किताबों से जुड़ी इनफॉरमेशन शेयर कर सकते हैं। इसमें आपको इस बात का फायदा है कि आप अपना कैटेलॉग बना सकें। वहीं समान विचारधारा वाले लोगों से किताबों के बारे में बात करने से आपका ज्ञान भी बढ़ता है। इसके माध्यम से रिसर्च से जुड़े लोगों को घर बैठे ही विशेष सामग्री उपलब्ध हो जाती है। इसके लिए उन्हें लाइब्रेरी और विभिन्न जगहों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। साथ ही किसी विषय विशेष के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाती है। कई ऑनलाइन लाइब्रेरी आपको किसी विषय के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए साइटों के रेफरेंस देती हैं। साथ ही इन पर विषय और टॉपिक के अनुसार उस विषय के लेखकों की किताबों के नाम दिए जाते हैं जिससे आपको विभिन्न लोगों से इस बात की पूछताछ नहीं करनी पड़ती कि अमुक विषय के लिए कौनसी किताब पढ़ी जाए। किताबों के शौकीन लोगों के लिए ऑनलाइन यानी ई-लाइब्रेरी किसी तोहफे से कम नहीं है। आज के युग में डिजिटल मोड से जुड़े लर्निंग के सभी साधनों का उपयोग हमें स्पर्धा में आगे रखेगा। 5जी की शुरुआत होने वाली है। ई-लाइब्रेरी के फैलाव से हम सबके लिए ई-लर्निंग में एक नई क्रांति की शुरुआत होगी। हम ज्यादा ज्ञान से पॉवरफुल होंगे। यह राष्ट्र हित के लिए महत्त्वपूर्ण है।
डा. वरिंदर भाटिया
कालेज प्रिंसीपल
ईमेल : [email protected]
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