- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- दुष्प्रचार पर लगाम

साइबर दुनिया की अराजकता संसार भर की सरकारों के लिए एक बड़ी सिरदर्दी बन चुकी है। ऐसे में, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा लगभग 25 यू-ट्यूब चैनलों, ट्विटर-फेसबुक अकाउंट और न्यूज वेबसाइट के खिलाफ की गई कार्रवाई की अहमियत समझी जा सकती है। पाकिस्तानी प्रॉपगेंडा के खिलाफ तो लगातार कार्रवाइयां होती रही हैं, खासकर जम्मू-कश्मीर से जुड़े उसके दुष्प्रचार को लेकर। लेकिन सरकार का कहना है कि इन चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट से देश की सुरक्षा, विदेश नीति व नागरिक व्यवस्था के बारे में लगातार गलत सूचनाएं प्रचारित-प्रसारित की जा रही थीं, इसीलिए इनको ब्लॉक करने का आदेश जारी किया गया है। यह एक बड़ी कार्रवाई है, और इन मंचों का इस्तेमाल करने वालों में यकीनन एक सख्त संदेश गया होगा। अभिव्यक्ति की आजादी की हर मुमकिन सूरत में हिफाजत होनी चाहिए। यह एक श्रेष्ठ लोकतांत्रिक, मानवीय मूल्य है। लेकिन कोई भी सिद्धांत या मूल्य एकांगी नहीं होता, कुछ जिम्मेदारियां और कर्तव्य लाजिमी तौर पर उससे जुडे़ होते हैं। मुख्य धारा के मीडिया ने इनकी ही रोशनी में अपनी हदें तय की हैं।
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान
