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- बेअदबी भी चुनावी...
सिखो के पवित्रतम 'स्वर्ण मंदिर' में दरबार साहिब और फिर कपूरथला के निजामपुर गुरुद्वारे में 'निशान साहिब' (सिखों का धार्मिक ध्वज) की बेअदबी के प्रयास किए गए। यह कोशिश या साजि़श घोर निंदनीय है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब न केवल सिखों का पवित्रतम धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि वह आस्था का आधार भी है। हमारी संस्कृति में गुरु परंपरा एक साझा विरासत है। उसे खंडित करना घोर आपराधिक है। जिन्होंनेे बेअदबी की कोशिशें कीं, वे कौन थे और किसके इशारे पर पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने की पराकाष्ठा तक जा पहुंचे थे, यह फिलहाल जांच का विषय है, लेकिन भरे-पूरे गुरुद्वारे में कथित अपराधी 'दरबार साहिब' तक कैसे पहुंचा, सिख आस्था को अपवित्र करने की आश्चर्यजनक कोशिश की, उसके मद्देनजर यह एक सामूहिक साजि़श प्रतीत होती है। बेशक यह जघन्य अपराध की श्रेणी का प्रयास था, लेकिन स्वर्ण मंदिर और कपूरथला जिले के गुरुद्वारों में सेवादारों ने आरोपितों को पीट-पीट कर मार डाला। सिखों के पवित्र गुरुद्वारों के प्रांगण में इनसानी हत्याएं की गईं। उस पर एक रहस्यमयी और गहरी चुप्पी साध रखी है। हत्या तो जघन्य ही नहीं, बर्बरता का अंतिम उदाहरण भी है।
divyahimachal