- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- कोरोना की नई चिंता
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कोरोना की चिंता का बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि हम संक्रमण की कम से कम तीन लहरों से गुजर चुके हैं। खासकर पिछले वर्ष अप्रैल-मई में डेल्टा वेरिएंट पर सवार होकर आई दूसरी लहर ने हमें बहुत चिंता में डाल दिया था, तब हमारे यहां संक्रमण अपने चरम पर था। पूरी दुनिया हमारी ओर चिंता से देखने लगी थी। आज जब चीन, जापान इत्यादि देशों में नई लहर उठी है, तो बहुत से लोगों को पिछले साल का वह बुरा दौर याद आ रहा है। अमेरिका से भी ऐसी रिपोर्ट भी आ रही है कि अगले साल अप्रैल तक दुनिया की एक बड़ी आबादी फिर संक्रमित हो सकती है और लाखों लोगों की मौत हो सकती है। वैसे ध्यान रहे कि दुनिया में अभी भी दो करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं, इनमें से आधिकारिक रूप से बात करें, तो सबसे ज्यादा 67 लाख लोग जापान में संक्रमण झेल रहे हैं, पर यह भी ध्यान रहे कि जापान की आबादी बुजुर्ग बहुल है। सबसे विकसित अमेरिका में ही अभी 19 लाख के करीब संक्रमित हैं। चीन अभी ईमानदारी से बता नहीं रहा है, उसके आधिकारिक आंकड़े पर किसी को यकीन नहीं है। वह अपने यहां महज 38 हजार के लगभग संक्रमित बता रहा है। यह अच्छा है कि चीन पर विश्वास न करते हुए दुनिया के अनेक देश अपनी ओर से सावधानी बरत रहे हैं और विशाल आबादी वाला भारत भी इन देशों में शामिल है।