सम्पादकीय

कोरोना वायरस : तीसरी लहर, टीकाकरण और भारत

Gulabi
8 Sep 2021 6:31 AM GMT
कोरोना वायरस : तीसरी लहर, टीकाकरण और भारत
x
कोविड की दूसरी लहर के खत्म होते न होते लोगों ने तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह की भविष्यवाणियां करनी शुरू कर दीं

राजेश प्रताप सिंह।

कोविड की दूसरी लहर के खत्म होते न होते लोगों ने तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह की भविष्यवाणियां करनी शुरू कर दीं। अब भी कोविड के नए प्रकारों की खोज अनवरत जारी है। फिलहाल अपने देश में एक-दो राज्यों को छोड़कर बाकी जगह स्थिति सामान्य है। कुछ समय पहले तक भारत के क्षेत्रफल और टीकाकरण के प्रति लोगों को बिदकते देखकर ऐसा लग रहा था कि तीसरी लहर जरूर आएगी। गांवों में स्थिति ज्यादा खराब थी, क्योंकि ग्रामीण लोगों को लगता था कि यह बीमारी केवल शहर के लोगों को होती है। लेकिन दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव को देखते हुए गांवों में भी लोगों में भय समा गया।

अभी तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशासनिक अमला रोकथाम के उपायों में पूरा जोर लगा रहा है। दूसरी लहर में अस्पताल में आईसीयू बिस्तरों एवं ऑक्सीजन की भारी कमी पड़ गई, जिसके चलते भारी जनहानि हुई। हालांकि पहली लहर में लॉकडाउन के कारण पलायन का जो दर्दनाक मंजर था, वह दूसरी लहर में नहीं दिखा। अब हालांकि शासन और प्रशासन, दोनों तीसरी लहर की तैयारी के लिए अपनी रणनीतियां बना रहे हैं। कोविड की तीसरी लहर के मद्देनजर कई तरह की बातें कही जा रही हैं, कि तीसरी लहर अवश्य आएगी और यह दूसरी लहर से ज्यादा भयावह होगी। तीसरी लहर से बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे और कोविड का टीका इस बीमारी से बचाव में बहुत हद तक मदद करेगा। हालांकि टीके से संक्रमण तो नहीं रुकेगा, लेकिन मौत नहीं होगी।
इस तरह की बातें करने वालों में डॉक्टर भी शामिल हैं। पहले टीकाकरण को लेकर आम लोगों में जिस तरह की उदासीनता और संकोच का भाव दिखता था, वह अब नहीं है और लोग तेजी से टीका लगवा रहे हैं। दूसरी लहर तक कुछ नेताओं के बरगलाने और तमाम भ्रांतियों के चलते लोग टीका लगवाने से संकोच कर रहे थे, पर अब ऐसा नहीं है। वर्तमान में टीकाकरण का काम तेजी से जारी है। जो लोग पहले टीका लगवाने से भागते थे, उन्होंने देखा कि उनके आस-पास रहने वाले सभी पढ़े-लिखे लोग सपरिवार टीका लगा रहे हैं और किसी की मृत्यु भी कोविड से नहीं हो रही है, तो उन्होंने समझ लिया कि टीका लगवाने से कोई खास परेशानी नहीं होगी और वे भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित हुए। आज प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग टीके लगवा रहे हैं।
हालांकि टीकाकरण की रफ्तार और बढ़ानी होगी। वर्तमान में सरकार के समक्ष टीके की आपूर्ति की समस्या है, न कि टीका लगवाने वालों को घर से निकालने की। टीका मनुष्य की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है। सरकार को ज्यादा से ज्यादा टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करवानी चाहिए। हालांकि अभी निश्चिंत होने का समय नहीं है, क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है। विभिन्न राज्यों में कुछ न कुछ नए मामले सामने आ ही रहे हैं। केरल और महाराष्ट्र में भारी संख्या में प्रति दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में कोविड उपयुक्त नियमों का पालन करना अब भी जरूरी है। कोविड से लड़ाई में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
खासकर अब त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है, इसलिए भी जरूरी एहतियात बरतना आवश्यक है। लोगों को भीड़ में जाने से बचने की भी जरूरत है। ऐसे समय में, जब तमाम तरह की सामाजिक और औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं, तो कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन जरूरी है। चूंकि अब लगभग सभी स्कूल भी खुल चुके हैं, इसलिए बच्चों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्हें कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन के प्रति जागरूक करना होगा। इस समय कोविड के चलते अन्य रोगों से बचाव के तरीकों पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जो गलत है। अभी उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू से पचास से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई। इसलिए सिर्फ कोविड ही नहीं, अन्य बीमारियों के खिलाफ भी हमें लड़ना है, ताकि जन-धन की हानि न हो।
Next Story