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- कोरोनाः जो हो गए अनाथ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| यह देखना राहत देता है कि कोरोना महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की चिंता देश में सर्वोच्च स्तर पर की जा रही है। न केवल प्रधानमंत्री ने इसके लिए योजनाओं की घोषणा की बल्कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में इसकी मोडैलिटी तय करने का काम हो रहा है। दरअसल, कोविड जैसी महामारी अपने साथ कई तरह की चुनौतियां लेकर आती हैं। ऐसा ही एक अहम मोर्चा है उन बच्चों का जिनके माता-पिता दोनों इस महामारी का शिकार हो गए। अब तक माता-पिता के संरक्षण वाले प्यार भरे माहौल में पल बढ़ रहे इन बच्चों के लिए महामारी ऐसी विपदा बन कर आई जिसका कोई ओर-छोर ही न रहा। कल को वायरस का खतरा पूरी तरह समाप्त हो जाए, तब भी इन बच्चों की दुनिया और इनका जीवन पहले जैसा नहीं होने वाला। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि इन बच्चों के खाने-पीने, रहने-सहने और पढ़ने-लिखने की क्या व्यवस्था होगी। पहले की पीढियों की बात करें तो संयुक्त परिवार के चलन के कारण कम से कम भावनात्मक स्तर पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती थी।