सम्पादकीय

Corona: बिना लक्षण वाले व्यक्ति से दूसरे के कोरोना संक्रमित होने की आशंका कम: एक्सपर्ट

Rani Sahu
6 May 2022 8:59 AM GMT
Corona: बिना लक्षण वाले व्यक्ति से दूसरे के कोरोना संक्रमित होने की आशंका कम: एक्सपर्ट
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देश में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दो मई को अहम फैसला सुनाया

शालिनी सक्सेना

देश में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दो मई को अहम फैसला सुनाया. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा कोई डेटा मौजूद नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि जिन लोगों को कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) नहीं लगी है, वे दूसरे लोगों में कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैला सकते हैं. ऐसे में टीकाकरण हर किसी के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता है. विशेषज्ञों ने इस फैसले पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि टीकाकरण और इससे होने वाले जोखिम और फायदे से संबंधित डेटा नहीं होने की वजह से यह निर्णय स्वागत योग्य है. हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और एनडेमिक की स्थिति अभी काफी दूर है. उन्होंने कहा, भले ही जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, वे दूसरे को संक्रमित नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह आशंका भी है कि बिना लक्षणों वाला मरीज आपको बीमार कर सकता है. ऐसे में कोरोना की जांच में तेजी लानी होगी और कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का लगातार पालन होना चाहिए
दिसंबर 2021 के दौरान जामा नेटवर्क में एक स्टडी प्रकाशित की गई थी, जिसमें SARS-CoV-2 से संक्रमित लेकिन बिना लक्षण वाले मरीजों के आंकड़े बताए गए थे. पेकिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि कुल आबादी (करीब तीन करोड़) में बिना लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या 0.25 फीसदी थी, जबकि कुल आबादी में 40.5 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए थे.
बिना लक्षण वाले संक्रमण का पर्सेंटेज काफी ज्यादा होने से आबादी में बिना लक्षण वाला संक्रमण फैलने का जोखिम बढ़ जाता है. लेकिन क्या यह चिंता की वजह है? मुंबई स्थित वॉकहार्ट अस्पताल की कंसल्टेंट डॉ. हनी सावला के मुताबिक, इस बात की आशंका बेहद कम है कि कोरोना से संक्रमित बिना लक्षण वाला कोई मरीज वायरस फैलाएगा. अगर ऐसा होता भी है तो बीमारी की गंभीरता काफी कम होगी.
वायरल लोड से संक्रमण की गंभीरता का पता चलता है
डॉ. सावला के मुताबिक, लोगों में संक्रमण गंभीर, मध्यम और हल्के वायरल लोड के आधार पर डिवेलप होता है. 'शरीर में प्रवेश करने वाले वायरल लोड की मात्रा से ही तय होता है कि कोरोना संक्रमण गंभीर है या हल्का. वायरस हमेशा शरीर में प्रवेश कर सकता है. यहां तक कि बिना लक्षण वाले लोगों में भी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि उनमें बिना लक्षण वाला संक्रमण बरकरार रह सकता है, क्योंकि उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवा रखी है या उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है.
उन्होंने पॉइंट आउट किया, 'यह कहना जल्दबाजी होगी कि यहां जीन की भूमिका है या नहीं. हमें यह साबित करने के लिए स्टडी करने की जरूरत है कि यह एक जेनेटिक मेकअप है. हमें आगे बढ़ना चाहिए और इस पर कुछ रिसर्च करनी चाहिए. दुर्भाग्य से, ऐसी कोई स्टडी नहीं की गई है.'
बिना लक्षण वाले व्यक्ति से कोविड ट्रांसमिशन की गंभीरता हमेशा कम रहेगा. भले ही व्यक्ति कई बीमारियों से पीड़ित क्यों न हो.
बिना लक्षण वाले मरीज में हल्का होता है वायरल लोड
डॉ. सावला ने कहा कि इस वक्त ट्रांसमिशन के जोखिम को लेकर कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है. उन्होंने समझाते हुए बताया, 'कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान हम R-0 (शून्य) का इस्तेमाल करते थे. अब तक हम स्ट्रेन की पहचान नहीं कर पाए हैं, लेकिन काफी हद तक यह संभव है कि बिना लक्षण वाला संक्रमित व्यक्ति वायरस फैला सकता है. यह प्रमुख स्ट्रेन भी हो सकता है. हम काफी समय से देख रहे हैं कि सभी म्यूटेशन की मारक क्षमता कम होती जा रही है. ऐसे में संभावना है कि अगर बिना लक्षण वाले मरीज से संक्रमण फैलता है तो बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं होगी. दूसरे शब्दों में कहें तो अगर बिना लक्षण वाले मरीज में वायरल लोड हल्का (क्योंकि मरीज में कोई लक्षण नहीं है) है तो ट्रांसमिशन भी हल्का ही होगा.'
डॉ. ने कहा कि अगर बिना लक्षण वाला कोरोना संक्रमित मरीज किसी वरिष्ठ नागरिक या ऐसे व्यक्ति को संक्रमित करता है, जो कई बीमारियों से पीड़ित है तो भी बीमारी की गंभीरता कम ही रहेगी और चिंता की कोई वजह नहीं होगी.
Rani Sahu

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