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- कोरोना संकट का सामना:...
भूपेन्द्र सिंह: कोरोना की दूसरी लहर से उपजे संकट का सामना करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने यह सही कहा कि यदि हम सब एकजुट होकर काम करेंगे तो संसाधनों की कमी आड़े नहीं आएगी, लेकिन इसकी अनदेखी भी नहीं की जा सकती कि इस समय स्वास्थ्य संसाधन बेहद दबाव में हैं। इसके चलते ही अफरातफरी का माहौल है। कोरोना मरीज अस्पतालों में बेड की कमी से लेकर ऑक्सीजन तक की किल्लत का सामना कर रहे हैं। उन्हें कुछ दवाओं की तंगी से भी दो-चार होना पड़ रहा है। इस विकट स्थिति का निवारण करने के लिए न केवल युद्धस्तर पर जुटना होगा, बल्कि केंद्र और राज्यों से लेकर नागरिक प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच उचित समन्वय भी कायम करना होगा। नि:संदेह संकट इसलिए और बढ़ गया है कि एक तो आवश्यक समन्वय का अभाव दूर नहीं हो पा रहा और दूसरे, चुनौतियों से पार पाने के लिए समय रहते किसी कारगर रणनीति का निर्माण नहीं किया जा सका। कम से कम अब तो ऐसा किया ही जाना चाहिए।