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कोविड-19 ने दुनिया बदल दी है, व्यापार-कारोबार को भारी चोट पहुंची है
कोविड-19 ने दुनिया बदल दी है, व्यापार-कारोबार को भारी चोट पहुंची है। ऐसा नहीं है कि छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए ही यह संकट की घड़ी है बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी इसकी मार से अछूती नहीं हैं। उत्पादन के पहिये धीमे हो गए हैं और लाभ घट गया है। लेकिन आपदा को अवसर बनाने वाली कंपनियों की भी कमी नहीं है। कइयों ने तो अपने जीवन काल का सबसे ज्यादा लाभ कमाया और उनके प्रमोटर मालामाल हो गए। इस सूची में सबसे पहले तो बिग फाइव कंपनियां हैं, जो इस कठिन दौर में अरबों डॉलर कमा रही हैं। ये हैं एपल, फेसबुक, टि्वटर, गूगल और अमेजन। इन्होंने तो इस दौरान कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़दिए। इनके अलावा माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स भी जबर्दस्त कमाई कर रही हैं।
दरअसल इस समय टेक्नोलॉजी कंपनियों की बन आई है और उनका काम तेज हो गया है। लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनी अमेजन की भी चांदी हो गई है। अमेरिका में उसका लाभ पिछले साल ही लगभग 200 प्रतिशत तक बढ़ गया था। अमेरिका में ज्यादातर कंपनियों ने आपदा के नाम पर छंटनी कर दी और दूसरी ओर जबर्दस्त मुनाफा भी कमाया। भारत में टेक्नोलॉजी कंपनियों के अलावा, रिटेल, कंज्यूमर टेलीकॉम, फार्मास्युटिकल, एफएमसीजी, एडटेक, ऑनलाइन रिटेल कंपनियों ने काफी मुनाफा कमाया। लॉकडाउन का इन्हें खूब फायदा हुआ और ये मालामाल हो गईं। लोग घरों में बंद रहे और उनका समय टीवी के इर्द-गिर्द गुजरता रहा। इससे जियो, एयरटेल वगैरह के कुल कारोबार में भारी बढ़ोतरी हुई। गांवों में भी लोग हर समय मोबाइल फोन पर चिपके रहते हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने उन्हें रिझाने के लिए कई तरह की स्कीम निकाल रखी है। इंटरनेट पर आधारित कंपनियों, जैसे नेटफ्लिक्स, ऐमेजॉन प्राइम, डिज्नी हॉटस्टार वगैरह के कारोबार में भी काफी तेजी आई।
लोग मोबाइल पर, लैपटॉप से और टीवी के जरिये मनोरंजक कार्यक्रम देख रहे हैं। इससे कंपनियों का मुनाफा आसमान छू रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी जियो ने इस साल मार्च तक पिछले साल की तुलना में 47.5 प्रतिशत ज्यादा यानी 3,508 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इसी तरह उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी एयरटेल ने भी अच्छा कारोबार किया और अपना घाटा आधा कर लिया। टेलीकॉम कंपनियों के कारोबार में भारी बढ़ोतरी हुई। लेकिन जिस सेक्टर में सबसे ज्यादा कारोबार हुआ, वह है फार्मा। इससे जुड़ी कंपनियों के लिए कोविड-19 एक वरदान साबित हुआ। उनकी दवाइयों और उपकरणों की बिक्री कई गुना बढ़ी।
इनमें सबसे ऊपर रही सन फार्मा, जिसका समाप्त वित्त वर्ष में कुल लाभ 3,200 करोड़ रुपये का रहा। उसके पीछे सिप्ला, डॉक्टर रेड्डीज लैब वगैरह रहे। दुनिया की सबसे बड़ी टीका कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट इस साल के अंत तक चार अरब डॉलर कमा लेगी। लॉकडाउन के पहले पांच महीनों में ही उसके संस्थापक पूनावाला की संपत्ति बढ़कर दोगुनी यानी 13.8 अरब डॉलर हो चुकी थी। भारत बायोटेक का कारोबार भी तेजी से बढ़ रहा है और उसके पास ऑर्डर की कमी नहीं है। भारत में ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाली कंपनियां आ तो पहले से गई थीं, लेकिन कोरोना काल में उन्होंने जबर्दस्त कारोबार किया।
कोविड काल में एफएमसीजी कंपनियां भी जबर्दस्त कारोबार कर रही हैं। लॉकडाउन के कारण उनके उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। अच्छी फसलों के कारण ग्रामीण भारत में इनके उत्पादों की मांग शहरों से ज्यादा बढ़ी है, जिससे कंपनियों का लाभ भी बढ़ा है। हेल्थकेयर और हाउसहोल्ड सामान बनाने वाली कंपनियां भी इस काल में अच्छा कारोबार कर रही हैं। दिलचस्प बात है कि ज्यादातर समय लॉकडाउन के बावजूद ऑटोमोबाइल कंपनियों का इस दौरान प्रदर्शन अच्छा रहा और इसका कारण यह बताया जा रहा है कि लोगों के पास सार्वजनिक परिवहन का विकल्प कम था और वे बीमारी से बचने के लिए अपने वाहनों से यात्रा करना चाहते थे। अभी सीमेंट, स्टील, एयरलाइन, टूरिज्म से जुड़ी कंपनियों की हालत बिगड़ी हुई है और जब तक कोविड का कहर कम नहीं होता, उनके उबरने की उम्मीद कम है।
क्रेडिट बाय अमर उजाला
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