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- कोरोना ने बदला शिक्षा...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोविड महामारी का सबसे गहन प्रभाव देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन को लेकर दिख रहा है, जो मानव संसाधन के निर्माण के साथ ही युवा भारत की सामथ्र्य से भी जुड़ा हुआ है। महामारी के चलते स्वास्थ्य रक्षा की दृष्टि से तात्कालिक कदम के रूप में शैक्षिक संस्थानों को प्रत्यक्ष भौतिक संचालन से मना कर दिया गया, फिर कक्षा की पढ़ाई और परीक्षाएं जहां भी संभव थीं, आभासी (वर्चुअल) माध्यम से शुरू की गईं। करीब डेढ़ साल से यह हलचल जारी है। इसमें संदेह नहीं कि बौद्धिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए शिक्षा केंद्र में विद्यार्थी की भौतिक उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है, पर महामारी के कारण विद्यालय की अवधारणा ही बदल गई। तमाम विद्यार्थी आनलाइन प्रवेश, आनलाइन शिक्षा और आनलाइन परीक्षा को बाध्य हुए। शिक्षा केंद्र विद्यार्थी और शिक्षक से भौतिक रूप से दूर तो हुए ही, उनके विकल्प में मोबाइल या लैपटाप की स्क्रीन पर लगातार घंटों बैठने से परेशानियां भी होने लगीं। सच तो यह है कि शिक्षा पाने का प्रेरणादायी अनुभव उबाऊ होने लगा।