सम्पादकीय

कोरोना और कर्फ्यू: रात्रि कर्फ्यू से बचा जाना चाहिए, 'दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी' के मंत्र को सख्ती से लागू करना होगा

Triveni
7 April 2021 1:27 AM GMT
कोरोना और कर्फ्यू: रात्रि कर्फ्यू से बचा जाना चाहिए, दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी के मंत्र को सख्ती से लागू करना होगा
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एक के बाद एक राज्य कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जिस तरह रात्रि कर्फ्यू का सहारा ले रहे हैं, उससे तो यही लगता है

एक के बाद एक राज्य कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए जिस तरह रात्रि कर्फ्यू का सहारा ले रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि उन्हेंं समझ नहीं आ रहा है कि क्या करने की जरूरत है? महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात आदि के बाद अब दिल्ली सरकार ने भी रात में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। हैरानी नहीं कि जल्द ही कुछ और राज्य इसी रास्ते पर चलते नजर आएं। कुछ राज्य सप्ताहांत लॉकडाउन लगाने जैसे कदम भी उठा रहे हैं। इसमें संदेह है कि ऐसे कदमों से हालात सुधारने में मदद मिलेगी। उलटे ऐसे कदम समस्याएं बढ़ाने का काम कर सकते हैं। महाराष्ट्र में कामगार एक बार फिर इस आशंका से घिर गए हैं कि कहीं उन्हेंं दोबारा अपने घरों को तो नहीं लौटना पड़ेगा? इस तरह की आशंकाओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाना चाहिए और रात के कर्फ्यू और सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे कदमों पर नए सिरे से विचार करना चाहिए। क्या ऐसा कुछ है कि रात में कोरोना संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है? यदि नहीं तो फिर रात का कर्फ्यू क्यों?

रात में ज्यादातर लोग तो अपने घरों में होते हैं। थोड़े-बहुत लोग या तो अपने काम-धंधे के सिलसिले में बाहर होते हैं या फिर अपने गंतव्य की ओर। यह मान लेना समस्या का सरलीकरण करना ही है कि लोग रात को निकल कर होटल, रेस्त्रां, बार आदि में पार्टी करते हैं। यदि चंद लोग ऐसा करते भी हों तो भी जरूरत इसकी है कि ऐसे स्थानों पर सतर्कता एवं सख्ती बढ़ाई जाए, न कि पूरे शहर-प्रांत में रात का कर्फ्यू लगा दिया जाए। यह समझा जाना चाहिए कि कोरोना संक्रमण इसलिए बेलगाम है, क्योंकि भीड़-भाड़ वाले स्थानों और खासकर रेल-बस स्टेशनों, सब्जी मंडियों, दैनिक-साप्ताहिक बाजारों आदि में लोग न तो शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति सचेत हैं और न ही मास्क का उचित इस्तेमाल करने को लेकर। लगता है समय के साथ लोगों ने दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी, के मंत्र को भुला दिया है। यह मंत्र फिर से याद दिलाया जाना चाहिए और जरूरत हो तो सख्ती भी बरती जानी चाहिए। रात के कर्फ्यू जैसे कदमों से इसलिए भी बचा जाना चाहिए, क्योंकि इससे 24 घंटे टीकाकरण के लक्ष्य में बाधा आ सकती है। इसके अलावा लोगों को कर्फ्यू पास के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ सकता है। रात के कर्फ्यू के जरिये नई समस्याएं खड़ी करने के बजाय यह सुनिश्चित किया जाना बेहतर कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट हो और अधिकाधिक लोग टीका लगवाएं। इसी के साथ स्वास्थ्य तंत्र को और सक्षम बनाने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।


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