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- कोरोना और आयुर्वेद:...
डॉ. आर. अचल। आवागमन के साधनों के विकास के कारण पूरा विश्व एक प्रांत की तरह हो गया है। कोरोना संक्रमण के तेज फैलाव और इसके वैश्विक महामारी बनने का एक बड़ा कारण यह भी है। आयुर्वेद के आचार्यों ने महामारियों का मुख्य कारण जलवायु प्रदूषण को बताया है, जिससे अनाज, फल, सब्जियों और औषधीय वनस्पतियों के गुण क्षीण हो जाते हैं। इससे मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे रोगकारक जीवाणु-विषाणु सक्रिय होकर महामारी पैदा करते हैं। जल एवं वायु जीवन का प्रमुख आधार है। आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में जल तत्व, कफ तथा वायु तत्व, वात के रूप में रहता है। इसलिए पर्यावरण में जलवायु के विकृत होने पर स्वस्थ व समृद्ध दिनचर्या के बावजूद मानव शरीर का कफ-वात तत्व कमजोर हो जाता है। यही कारण है कि आम जनता के साथ तपस्वी और समृद्ध राजपुरुष भी महामारी का शिकार बनने लगते हैं।