सम्पादकीय

अंतरिक्ष में समन्वय

Rani Sahu
1 Aug 2021 6:52 PM GMT
अंतरिक्ष में समन्वय
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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का कुछ देर के लिए नियंत्रण से बाहर हो जाना चिंता की बात है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का कुछ देर के लिए नियंत्रण से बाहर हो जाना चिंता की बात है। यह कुछ विकसित देशों का साझा उपक्रम है, जिस पर पूरी दुनिया की निगाह है। अंतरिक्ष संबंधी शोध के लिए विकसित हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र को संबंधित देश अपने-अपने हिसाब से नियंत्रित व संचालित करने में लगे हैं, इसी का नतीजा है कि यह केंद्र करीब 45 मिनट तक नियंत्रण से बाहर हो गया था। खास बात यह है कि रूसी मॉड्यूल ने, जिसका नाम नौका है, अंतरिक्ष स्टेशन को नियंत्रण से बाहर क्यों कर दिया, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने इसके लिए अल्पकालिक सॉफ्टवेयर विफलता को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा के अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम प्रबंधक के अनुसार, रूसी अनुसंधान मॉड्यूल नौका के जेट थ्रस्टर्स की अनियोजित फायरिंग के कारण आईएसएस ने अपनी दिशा बदल दी। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि गड़बड़ी रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से हुई है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी कंपनी एनर्जिया के डिजाइनर जनरल व्लादिमीर सोलोविओव ने अपने बयान में कहा है कि बहुद्देशीय प्रयोगशाला मॉड्यूल के थ्रस्टर्स को सक्रिय करने के लिए एक सीधा आदेश गलती से जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर की विफलता के कारण अंतरिक्ष केंद्र की दिशा में कुछ बदलाव हुआ। रूसी एजेंसी द्वारा कमी को मानना अच्छी बात है, लेकिन अंतरिक्ष केंद्र में किसी हल्के या मामूली से लगने वाले बदलाव को भी गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे केंद्र बहुत मुश्किल से सालों की मेहनत से खड़े होते हैं, उन पर किसी प्रयोग में गलती नहीं होनी चाहिए।

वैसे गलती सुधारने के लिए रूसी एजेंसी भी सक्रिय हो गई थी, पर इसमें नासा का योगदान ज्यादा माना जा रहा है। अंतरिक्ष केंद्र को जमीनी वैज्ञानिकों की टीम ने फिर सही दिशा में डाल दिया है। अब कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या अमेरिकी व रूसी अंतरिक्ष एजेंसी में होड़ तेज हो रही है? क्या दोनों एजेंसियां अपने-अपने हिसाब से अंतरिक्ष केंद्र का नियंत्रण हासिल करना चाहती हैं? ह्यूस्टन, टेक्सास में जॉनसन स्पेस सेंटर में नासा के विशेषज्ञों का हवाला देते हुए रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए ने अंतरिक्ष स्टेशन पर नियंत्रण हासिल करने के संघर्ष को दो मॉड्यूल के बीच की रस्साकशी के रूप में वर्णित किया है।
वैज्ञानिकों और विकसित देशों की सरकारों को सजग हो जाना चाहिए। जो अंतरिक्ष केंद्र मिल-जुलकर बना है, उसे समन्वय के साथ चलाने में ही दुनिया की भलाई है। ध्यान रहे, जब अंतरिक्ष केंद्र में समस्या पैदा हुई, तब उसमें सात वैज्ञानिक-चालक सवार थे। उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है। गौर करने की बात है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन बाहरी अंतरिक्ष में शोध स्थल है, जिसे पृथ्वी की निकटवर्ती कक्षा में स्थापित किया गया है। यह परियोजना 1998 में शुरू हुई थी और 2011 में बनकर तैयार हुई। यह स्टेशन अब तक बनाया गया सबसे बड़ा मानव निर्मित उपग्रह है। इसे बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपीय देशों को सतर्क होकर आगे बढ़ना चाहिए, ताकि उनके बीच परस्पर विश्वास बना रहे, जिससे इस केंद्र को आगे बड़ी कामयाबियां हासिल हों।


Rani Sahu

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