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किसी महत्वपूर्ण काम को करने के लिए सबसे पहले दिमाग को इसके लिए तैयार करना होता है
प्रशांत सक्सेना
किसी महत्वपूर्ण काम को करने के लिए सबसे पहले दिमाग को इसके लिए तैयार करना होता है. योग की भाषा में इसे 'धारणा' कहते हैं, ताकि मानसिक तौर पर खुद को संभालने के लिए इंसान शांति का रास्ता अपनाने के लिए तैयार हो जाए. जो लोग हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा करते हैं, वे एक बड़े जबड़े वाले बंदर (Monkey) की कल्पना करते हैं, जिनमें असीमित शक्तियां होती हैं, जो 'शत्रु' पर हमला करने और उसे विनाश करने के लिए तैयार रहती हैं
यह छवि हाल में ही गढ़ी गई है. 'सैन्यीकृत' और 'हथियारबंद' हिंदू देवताओं (Hindu Gods) के अस्तित्व में आने से बहुत पहले, पूजा के लिए सर्वोच्च देवता का विचार आते ही सौम्य, सरल, निर्दोष, मुस्कुराता और पवित्र चेहरा उभर आता था, जो निडर भी था और आनंददायक भी, जो कि कई प्रभावों के साथ अकारण मिले आशीर्वाद जैसा था. हनुमानजी मानव जाति के उच्चतम आदर्शों का अद्भुत संगम सीता-राम के सेवक रहे हैं.
सबके प्रिय हैं मंगलमूर्ति हनुमान
अंजनी और पवन के पुत्र एक बार अति-महत्वाकांक्षी हो गए और सूर्य को भस्म करना चाहता थे, ऐसी ही एक कहानी है. अंधेरे के डर से देवताओं ने उन्हें वापस धरती पर भेज दिया और इस दौरान उनकी ठुड्डी थोड़ी प्रभावित हुई. किसी श्राप के कारण हनुमानजी अपनी शक्ति और पराक्रम से बेखबर रहते हैं, इसलिए उनके आशीष के लिए कोई काम करने से पहले पर्याप्त भक्ति के साथ उनकी प्रार्थना करनी चाहिए. इसी बात को दूसरे तरीके से कहें तो, उनके बारे में 'धारणा' काफी प्रबल यानि मजबूत होनी चाहिए. और नहीं, क्षमा करें, हनुमानजी अपने भक्तों या विरोधियों पर चिल्लाने में विश्वास नहीं करते – वास्तव में, उनका कोई बैरी या दुश्मन नहीं है.
भक्तों के भय का नाश करते हैं देवता
माना जाता है कि हिंदुओं के 33 करोड़ देवी-देवता हैं. कई लोग इस पर विवाद करते हैं, यह कहते हुए कि संस्कृत में कोटि शब्द के दो अर्थ हैं, एक 'प्रकार' है और दूसरा करोड़ है. तो कहीं न कहीं अनुवाद में, वे इस मूल तथ्य से चूक गए कि सनातन धर्म/हिंदू धर्म में 33 सुप्रीम देवता हैं, न कि 33 करोड़ देवता. कई लोग वेदों का हवाला देते हुए कहते हैं कि 33 देवता/देव हैं. इनमें से अधिकांश देवताओं को विभिन्न प्राचीन हथियारों के साथ सशस्त्र दिखाया गया है – वास्तव में, देवताओं की ऐसी कल्पना उनके भक्तों के भय का प्रतीक है क्योंकि उन्होंने प्रकृति की विभिन्न शक्तियों का सामना किया.
आधुनिक हिंदुत्व की राजनीति में हमारे देवताओं ने अपनी मुस्कुराती हुई छवि त्याग दी है और इसके बजाय उग्र दिखने लगे हैं, मानो वे हमेशा गुस्से में हों. साफ तौर पर हमारी राजनीति ने उन्हें क्रोधित होने के लिए चुना है. उनके क्रोध का कारण तथाकथित उत्पीड़न या हिंदुओं की उपेक्षा है. हमारे देवताओं को शायद ही पता था कि उनके भक्तों ने उन्हें कब बनाया. फिर भी वे हमारे देवता हैं, हमारे पास एक 'धारणा' है.
राजनीति घमासान के बीच हनुमानजी!
यह पहेली है कि दक्षिणपंथी हिंदुओं ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों से सुनाई जा रही अज़ान को चुनौती देने के लिए हनुमानजी को क्यों चुना. यह बड़ी अजीब और बेतुकी बात है. हनुमानजी कोई उग्रवादी नहीं हैं, वे भगवान राम द्वारा दिखाए जीवन के सच्चे मूल्यों के प्रति साहस, त्याग और समर्पण के प्रतीक हैं. पवन पुत्र हनुमान किसी को चोट नहीं पहुंचाते और ऐसा माना जाता है कि वे अपने भक्तों में कर्तव्य और अनुशासन की भावना जागते हैं. हमें खुद से पूछना चाहिए कि प्रार्थना के आह्वान को चुनौती देते हुए हम किसका कर्तव्य निभा रहे हैं.
ओबामा भी लेते हैं हनुमानजी से प्रेरणा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के जीवन का एक छोटा सा प्रसंग है. भगवान हनुमान की एक छोटी सी मूर्ति उन कुछ वस्तुओं में से एक थी जिसे ओबामा हमेशा अपनी जेब में रखते हैं और जब भी वह थका हुआ या निराश महसूस करते हैं तो उससे प्रेरणा लेते हैं. 2016 में यूट्यूब क्रिएटर निल्सन के साथ इंटरव्यू के दौरान व्यक्तिगत महत्व की कोई चीज दिखाने के लिए कहा गया, ओबामा ने अपनी जेब से कई ऐसी चीजें निकाली और उनमें से उनमें से प्रत्येक ने उन्हें 'जीवन में मिले सभी अलग-अलग लोगों की याद दिला दी.'
इसमें पोप फ्रांसिस द्वारा उन्हें दी गई माला, एक भिक्षु द्वारा दी गई बुद्ध की एक छोटी मूर्ति शामिल थी; एक सिल्वर पोकर चिप जो कभी आयोवा में एक गंजे, मूंछों वाले बाइकर का लकी चार्म था; हिंदुओं के आराध्य भगवान हनुमान की एक मूर्ति; और इथियोपिया से एक कॉप्टिक क्रॉस. क्या आप बता सकते हैं कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कितने अमीर और शक्तिशाली है?
चीनी क्लासिक 'द जर्नी टू द वेस्ट' पर आधारित टीवी नाटक ह्वेन त्सांग (Huen Tsang) की कहानी बताता है जो 600 ईस्वी में भारत आया था. कहानी में, भिक्षु को भारत आने-जाने के रास्ते में कई मुसीबतों और तकलीफों का सामना करना पड़ता है, मंकी किंग सन वुकोंग (Sun Wukong) सहित तीन शिष्य उनकी रक्षा करते हैं. हालांकि यह असंबंधित है, मगर कहानी में बंदर की कुछ हरकतों रामायण में वर्णित भगवान हनुमान के समान हैं.
उदारता का वरदान दें हमारे आराध्य
एक और बात, करीब पांच साल पहले स्पेन के एक चर्च ने भारतीयों से गणपति बप्पा की मूर्ति चर्च के भीतर लाने को कहा क्योंकि दोनों 'भगवान मिल सकें.' फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो में, स्पेन में रहने वाले भारतीयों का एक समूह भगवान गणेश की बारात निकालते देखा गया और जब उन्हें एक चर्च के रास्ते से गुजरना पड़ा तो उन्होंने विशेष धार्मिक स्थल के अधिकारियों से अनुमति मांगी. नेकदिली दिखाते हुए चर्च ने भारतीयों के ग्रूप को हॉल के अंदर गणपति बप्पा की मूर्ति लाने को कहा. देवताओं से हमें ऐसी उदारता का आशीष मिले इसका मौका हमें देना चाहिए.

Rani Sahu
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