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भारत के क्रांतिकारियों ने उपनिवेशवाद का अगर जमकर विरोध नहीं किया होता तो दक्षिण एशिया के देश भी इसकी सीख कभी नहीं लेते। क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विरोध की ज्वाला इस कदर भड़काई कि पड़ोसी देशों ने आग में पेट्रोल डालने का काम करके स्वयं भी आजादी पाई थी। अपने देश का इतिहास सदियों से संघर्षमयी रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ब्रिटिश हुकूमत के सख्त विरोधी रहे। इसके लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष की राह अपनाए रखी। देश को आजादी दिलाने में बापू का योगदान सर्वश्रेष्ठ है। बापू के जन आंदोलन से प्रेरित होकर अन्य देशों ने भी आजादी की मांग उठाई थी। सोने की चिडि़या कहलाए जाने वाले भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी ऐसे ही नहीं मिली है। आजादी के परवानों ने इसके लिए अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं। भारत लंबे समय तक ब्रिटिश हुकूमत का उपनिवेशवाद रहा था। भारत के अलावा पड़ोसी देशों का भी ठीक ऐसा ही इतिहास रहा है। भारत को गुलामी की जंजीरों से निकालने के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, ऊधम सिंह आदि अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानियां दी हैं। वहीं राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गांधी के बलिदानों को आज स्मरण रखने की अधिक जरूरत है। अहिंसा के पुजारी कर्मचंद गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत की प्रत्येक ज़्यादतियों पर उन्हें करारी शिकस्त दी। नतीजतन देश की जनता का साथ सदैव उन्हें मिलने की वजह से जन आंदोलन खड़ा होने में कतई देर नहीं लगी। प्रत्येक वर्ष 2 अक्तूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों सहित सरकारी क्षेत्रों में अवकाश रहता है और जनता को उनके मार्गों पर चलने की सीख दी जाती है। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के नाम से विख्यात हैं। किसी व्यक्ति विशेष को राष्ट्रपिता का स्थान देना हमारे भारतीय संविधान में उल्लेखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महात्मा गांधी जयंती पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। जयंती पर प्रार्थना सभा, स्मरणीय समारोह, नाटक मंचन, भाषण, व्याख्यान, निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला और कविता पाठ शिक्षण संस्थानों, सामाजिक और राजनीतिक संस्थानों में ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं। इन प्रतियोगिताओं में स्थान पाने वालों को ईनाम से नवाजा जाता है। वह एक देशभक्त थे और अहिंसा के पथ पर चलते हुए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हमेशा जंग जारी रखी।