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संजय गुप्त: पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस तरह अपमानित होकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और इसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया, वह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। एक ऐसे समय जब देश में कांग्रेस का जनाधार लगातार गिर रहा, तब उसके लिए पंजाब एक अहम राज्य है। अमरिंदर सिंह को अपमानित कर जिस तरह नवजोत सिंह सिद्धू को महत्ता दी गई, उससे कांग्रेस और गांधी परिवार की खोखली सोच ही उजागर होती है। प्रियंका गांधी के कहने पर उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वह इतने से ही संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद अमरिंदर सिंह के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। चूंकि इस अभियान को गांधी परिवार ने अपना समर्थन दिया इसलिए अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। यह बात और रही कि मुख्यमंत्री बनने की लालसा रखने वाले सिद्धू चैन से नहीं बैठे। उनकी यह लालसा बहुत पुरानी है। भाजपा में रहते हुए भी वह अत्यधिक महत्वाकांक्षी थे। वह जब कांग्रेस में आए तो उनकी महत्वाकांक्षा आसमान छूने लगी। अमरिंदर के न चाहते हुए भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वह बेलगाम हो गए।