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- सामने से दूर होती...
मेहनत और मंसूबों के बल पर राजनीति का हिमाचली इतिहास करवट ले रहा है तथा इस तराजू पर फिर आम आदमी पार्टी और भाजपा का आमना-सामना हो रहा है। यहां बाईस और तेईस के फेर में दोनों पार्टियां एक-दूसरे के अरमानों को अडं़गा लगाने की रणनीति पर मंडी से कांगड़ा पहंुच गईं, लेकिन कांग्रेस को अपने सियासी अमृत पर भरोसा है। भले ही पिछलग्गू बन कर जोगिंद्रनगर, इंदौरा व झंडूता विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस 28 अप्रैल से अपना अभियान शुरू कर रही है, लेकिन यह कोई जवाब नहीं है। जिस कला से आप के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल का राजनीतिक तूफान सिर पर ओढ़ा है या भाजपा ने खुद को बुलंद किया है, उसके मुकाबले कांग्रेस अति फिसड्डी तथा किंकर्त्तव्यविमूढ़ की स्थिति में है। पता नहीं कांग्रेस को हांक कौन रहा है। कम से कम पार्टी अपनी जिजीविषा को प्रकट करती हुई भी प्रतीत नहीं हो रही है। मंडी की गलियों में जब केजरीवाल घूम रहे थे, उसी समय अपनी छवि के रास्ते मुख्यमंत्री ने जिला की एकतरह से नाकाबंदी कर रखी थी। इस तरह 23 अप्रैल के कांगड़ा दौरे पर केजरीवाल के निकलने से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 22 अप्रैल को ही रोड शो कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी का सूर्योदय होने से पहले ही भाजपा ने काली चादर बिछा दी है, ताकि कोई चमत्कार न हो।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली