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- कांग्रेसी पगडि़यां और...
हिमाचल विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ी कांग्रेस के मंच से पहला पर्दा हटा है और इस तरह हम कह सकते हैं कि पार्टी ने अपने कुनबे को साधने के लिए भरपूर कोशिश की है। यह वीरभद्र युग के बाद की कांग्रेस है तो अगले चुनाव तक कुछ पुरानी लाठियों और विरासत के सहारे आगे बढ़ना चाहती है। सांसद प्रतिभा सिंह को पार्टी अध्यक्ष बना कर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सियासी अमानत का सूर्य बचाना चाहती है, तो साथ ही वरिष्ठता के तुर्रे में अपने हर नेता को चलाना चाहती है। एक बहुरंगी तस्वीर के पीछे उन तमाम मसलों और रिक्तता के आलम को छुपाने की कोशिश में कांग्रेस अपने घर के अधिकांश खनकते बरतनों को मांज रही है, तो यह कलात्मक पक्ष हो सकता है, लेकिन सियासी पहलुओं का विश्लेषण उन युवा चेहरों पर होगा जिन्हें सूची में जगह नहीं मिली। चार कार्यकारी अध्यक्षों, छह उपाध्यक्षों और पांच वरिष्ठ उपाध्यक्षों के ताज पर टिकी निगाहें अगर प्रदेश में राजनीतिक संतुलन देख रही हैं, तो सबसे रोचक व शक्तिशाली पद यानी प्रचार समिति के अध्यक्ष का रुतबा सुखविंद्र सुक्खू के हवाले करने का गहन अर्थ भी है।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली